UP Elections: पुलिस कमिश्नर से नेता बने असीम अरुण रेल मंत्री अश्विनी और बीजेपी सांसद अपराजिता से लेते हैं टिप्स, कन्नौज से लड़ेंगे चुनाव
UP Elections: असीम अरुण बीजेपी के टिकट पर कन्नौज से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है.
Aseem Arun Former IPS: कानपुर के पुलिस कमिश्नर रहे असीम अरुण वीआरएस लेकर राजनीति में आ गए हैं. असीम बीजेपी के टिकट पर कन्नौज से चुनाव लड़ेंगे. वहीं दलित समाज के असीम ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है. असीम के पिता भी यूपी के डीजीपी रहे हैं. असीम अरुण 1994 बैच के IPS अफ़सर थे. वहीं इस वक्त उनके ही बैच के उनके दो साथी राजनीति में चमक रहे हैं. हालांकि दोनों उनकी तरह IPS नहीं बल्कि IAS अफ़सर हैं. एक अंकलेश्वर के रेल मंत्री हैं तो दूसरी बीजेपी की सांसद और पार्टी की प्रवक्ता है. अब असीम अरुण भी उनकी ही राह पर हैं और उनसे राजनीति की ट्रेनिंग भी ले रहे हैं.
असीम अरुण ने जब IPS की नौकरी छोड़ने की एलान किया तो सब हैरान रह गए ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी छवि एक ईमानदार, कुशल, बेदाग़ और शानदार पुलिस अफ़सर की रही है. ATS के चीफ़ रहे असीम ने वही किया जो उनके दो साथी पहले ही कर चुके हैं. अब तीनों मिल कर राजनीति करेंगे. तीनों ही बीजेपी में हैं. असीम अरुण के बैचमेट रहे अश्विनी वैष्णव देश के रेल मंत्री हैं. उनके पास आईटी जैसा बड़ा मंत्रालय भी है. राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले वैष्णव को पीएम नरेन्द्र मोदी का बड़ा करीबी माना जाता है. ओड़िशा कैडर के IAS रहे अश्विनी वैष्णव पीएमओ में भी काम कर चुके हैं. जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे तब वे उनके ऑफिस में डिप्टी सेक्रेटरी थे. फिर जब वे पीएम नहीं रहे तो 2004 में वैष्णव उनके निजी सचिव बने. बाद में वे IAS की नौकरी छोड़ कर राजनीति में आए. ओड़िशा से ही बीजेपी के टिकट पर नवीन पटनायक की पार्टी के समर्थन से राज्य सभा सांसद बने.
असीम अरुण को दी वोट मांगने की टिप्स
जनता से संवाद कैसे करें, क्या पहनें? वोट कैसे मांगे? रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी अपने दोस्त असीम अरुण को टिप्स दे चुके हैं. अपराजिता भी 1994 बैच की IAS अधिकारी रह चुकी हैं. उन्होंने 2018 में वीआरएस लेकर नेतागीरी शुरू की थी. 2019 में उन्होंने भुवनेश्वर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और पहली बार इस सीट पर बीजेपी को जीत मिली. इसी भुवनेश्वर की वे नगर आयुक्त भी रह चुकी हैं. उनके जमाने में भुवनेश्वर शहर साफ़ और सुंदर हुआ. लोग आज भी अपराजिता के काम की तारीफ़ करते हैं. बिहार की रहने वाली अपराजिता मैथिल ब्राह्मण परिवार से हैं और उनके पति संतोष सारंगी भी IAS अफ़सर हैं और आज कर दिल्ली में ही तैनात हैं.
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