यूपी: कृषक दुर्घटना कल्याण योजना पर कैबिनेट की मुहर, मिलेगा पांच लाख का मुआवजा
उत्तर प्रदेश के किसानों को मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत दुर्घटना में मौत होने या दिव्यांगता होने पर सरकार द्वारा उनके परिवार को सहायता दी जायेगी.इस योजना के दायरे में प्रदेश के दो करोड़ 38 लाख 22 हजार किसान आएंगे.नई योजना में किसान और उसकी पत्नी, पुत्र-पुत्री, पौत्र व पौत्री के साथ ही बटाईदार भी पात्र होगा.
लखनऊ: यूपी में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना पर कैबिनेट की मुहर लग गई है. दुर्घटना में मारे गए या दिव्यांग हुए किसानों के परिवार को पांच लाख की आर्थिक मदद दी जाएगी. इस योजना के दायरे में प्रदेश के दो करोड़ 38 लाख 22 हजार किसान आएंगे. खास बात है कि बीमे के वारिस के रूप में किसान के परिवार के अलावा बटाईदार भी हकदार होगा.मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को यह निर्णय हुआ.
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का नाम मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना करने के साथ ही इसके नियम और सुविधाओं में बदलाव किया गया है.
बटाईदार भी होगा पात्र
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का लाभ सिर्फ खातेदार किसान और सह-खातेदार को ही मिलता था. नई योजना में किसान और उसकी पत्नी, पुत्र-पुत्री, पौत्र व पौत्री के साथ ही बटाईदार भी पात्र होगा.
कब मिलेगा कितना मुआवजा
बीमित किसान की मृत्यु पर पांच लाख रुपये, जबकि दिव्यांगता पर बीमा राशि को श्रेणीवार रखा गया है. इसमें 60 फीसद से अधिक दिव्यांगता पर अधिकतम दो लाख रुपये मिलेंगे. सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 18 से 70 वर्ष तक की उम्र के किसान पात्र होंगे. योजना का लाभ 14 सितंबर 2019 से मिलेगा.
खेत में काम करने के दौरान किसान या उसके परिवार के किसी सदस्य की दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर पांच लाख रूपये और 60 फीसदी से अधिक दिव्यांग होने पर दो लाख रूपये की राशि दी जाएगी. इसमें 18 से 70 साल तक के किसान और उसके परिवार के लोग शामिल होंगे.
14 सितंबर 2019 से लागू होगी ये योजना
यह योजना 14 सितंबर 2019 से लागू होगी. प्रदेश में इसके लाभार्थियों की संख्या करीब दो करोड. 38 लाख 22 हजार किसान होंगे. इसमें बटाई करने वाले किसान भी शामिल होंगे. अमूमन देखा गया है कि किसान की मृत्यु के पश्चात उसके वारिस खेत का ट्रांसफर अपने नाम पर नहीं कराते हैं. ऐसी स्थिति में किसान के परिजन (पत्नी, बेटा और बेटी) इससे लाभान्वित होंगे.
इन फैसले पर भी लगी मुहर
मंत्रिमंडल की बैठक में 13 फैसले हुए. इसमें वर्ष 2020-21 के लिये नयी आबकारी नीति की भी घोषणा की गयी. इसके तहत नये लाइसेंस शुल्क देशी शराब के लिये 10 फीसदी, विदेशी शराब के लिये 20 फीसदी और बियर के लिये 15 फीसदी की बढ़ोतरी की गयी है.
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मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में पुलिस और विधि विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस और विधि विज्ञान विश्वविद्यालय अध्यादेश 2020 के प्रख्यापन के संबंध में प्रस्ताव पास किया गया है.
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