यूपी: अखिलेश को पत्नी डिंपल की राजनीति पसंद नहीं, कन्नौज से खुद लड़ेंगे लोकसभा का चुनाव
कन्नौज से वर्तमान में अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव सांसद हैं. डिंपल से पहले इस सीट पर समाजवादी पार्टी के जाने माने नेता जनेश्वर मिश्र लड़ते थे.
लखनऊ: सांसद डिंपल यादव का राजनैतिक सफ़र ख़त्म हो गया है. इस बात का ऐलान ख़ुद उनके पति अखिलेश यादव ने किया. डिंपल के बदले अब उनके पति अखिलेश यादव कन्नौज से लोक सभा चुनाव लडेगें. डिंपल समाजवादी पार्टी के लिए प्रचार करती रहेंगी. अखिलेश ने अपने पिता की भी बात मान ली. मुलायम सिंह यादव अगला लोकसभा चुनाव मैनपुरी से लड़ना चाहते हैं. अभी वे आज़मगढ़ के एमपी हैं.
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने आज एक बडे फैसले का एलान कर दिया. उनकी पत्नी डिंपल यादव अब कभी चुनाव नहीं लड़ेंगी. अभी वे कन्नौज से लोक सभा की सांसद हैं. 40 साल की डिंपल पिछले विधानसभा चुनावों में पार्टी की स्टार प्रचारक थीं. आज जब चाचा शिवपाल यादव अपने घर पर जन्म दिन मना रहे थे, अखिलेश ने डिंपल के राजनैतिक कैरियर के बारे में फ़ैसले का एलान कर दिया. जनेश्वर मिश्र पार्क में वे बोले ''लोहिया जी भी कन्नौज से एमपी रहे हैं, मेरी इच्छा है कि इस बार मैं वहॉं से लड़ूं और नेता जी मैनपुरी से लड़ेंगे.''
2009 में हुई थी डिंपल के राजनीतिक सफर की शुरुआत
डिंपल यादव के राजनैतिक जीवन की शुरुआत बड़ी ख़राब रही. 2009 में वे फ़िरोज़ाबाद से लोकसभा का उप चुनाव लड़ीं. लेकिन कांग्रेस के राज बब्बर ने उन्हें हरा दिया. अखिलेश यादव के इस्तीफ़ा देने से यहाँ उप चुनाव कराने पड़े थे. उस बार अखिलेश लोकसभा की दो सीटों कन्नौज और फ़िरोज़ाबाद से चुनाव जीते थे. बाद में उन्होंने फ़िरोज़ाबाद की सीट छोड़ दी थी. डिंपल की हार ने परिवार और पार्टी को हिला कर रख दिया था. इसी बीच यूपी 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बन गई. अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बन गए. डिंपल को फ़िरोज़ाबाद से लड़ाना मुलायम सिंह यादव का फ़ैसला था. लेकिन इस बार डिंपल के बारे में फ़ैसला ख़ुद अखिलेश ने लिया .
सीएम बनने के बाद अखिलेश यादव ने कन्नौज के सांसद से इस्तीफ़ा दे दिया. 2012 में इस सीट पर उप चुनाव हुआ. डिंपल यादव ने ये चुनाव निर्विरोध जीत लिया. कांग्रेस और बीएसपी ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे. 2014 के लोकसभा चुनाव में डिंपल और बीजेपी के बीच कड़ा मुक़ाबला हुआ. मोदी लहर में डिंपल 19000 से अपनी सीट बचाने में कामयाब रहीं. फिर आया 2017 का विधानसभा चुनाव. मुलायम परिवार में मचे घमासान के बीच समाजवादी पार्टी ने प्रचार शुरू किया. मुलायम सिंह घर बैठ गए और शिवपाल यादव सैफई में ही फंसे रहे. अखिलेश के बाद पार्टी के लिए डिंपल ने ही सबसे अधिक रैलियां की.
इस वजह से लिया डिंपल को राजनीति से रिटायर करने का फैसला
डिंपल को राजनीति से रिटायर करने का आइडिया अखिलेश यादव को कैसे आया ? ..पिछले साल विदेश दौरे के दौरान राहुल गांधी ने परिवारवाद पर बोलते हुए अखिलेश का भी ज़िक्र किया था. दो दिनों बाद लखनऊ में अखिलेश ने राहुल की बात का समर्थन किया था. बताते हैं कि डिंपल को लेकर अखिलेश ने उसी समय मन बना लिया था. मुलायम परिवार के वे इकलौते सदस्य हैं जो अलग सोचते और करते हैं.
कन्नौज समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा है. मुलायम सिंह यहां से दो बार, अखिलेश यादव तीन बार और डिंपल यादव दो बार सांसद रहीं. राम मनोहर लोहिया भी यहां से एमपी रहे हैं, जिन्हें पार्टी अपना गुरु मानती हैं.