लखनऊ: उत्तर प्रदेश में उग्र इस्लामिक संगठन  पीएफआई पर पाबंदी लग सकती है पाबंदी. गृह विभाग इस पर प्रस्ताव तैयार कर रहा है जिसे मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा. UAPA कानून के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFA पर पाबंदी लग सकती है.. इस संगठन पर अभी सिर्फ झारखंड में पाबंदी है. नागरिकता कानून पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का शक है.


पीएफआई है क्या ?
पीएफआई का फुल फॉर्म पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया है, यह एक उग्र इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है. दक्षिण भारत के राज्यों में संगठन काफी सक्रिय है, चुनाव भी लड़ता रहा है. उत्तर प्रदेश में पिछले 6 महीने में संगठन तेजी से फैला है. जहां तक पीएफआई के दावे का सवाल है तो पीएफआई दावा करता है कि वो एक ऐसा संगठन है जो लोगों को उनका हक दिलाने के लिए लड़ता है.


संगठन दावा करता है कि उसके काम सामिजक हितों वाले हैं. संगठन की वेबसाइट पर जाएंगे तो आपको इस तरह के कई वीडियो मिल जाएंगे लेकिन एक हकीकत ये भी है कि पीएफआई का नाम गैरकानूनी कामों में भी आ चुका है. झारखंड में तो इसकी गतिविधियों के चलते वहां की सरकार ने बैन लगा रखा है.


यूपी हिंसा में भी अब इस संगठन का नाम आया है. हिंसा की जांच कर रही पुलिस के मुताबिक संगठन के लोगों ने सोशल मीडिया के जरिये लोगों को उकसाने और भड़काने का काम किया. यूपी में पीएफआई से जुड़े जो लोग गिरफ्तार किये गये हैं उनके बारे में पुलिस का कहना है कि उनके पास कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो माहौल बिगाड़ने के लिए बांटे जा रहे थे.


राज्य के कई जिलों की पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों की पहचान के लिए शहरों में पोस्टर लगवाये हैं. चाहे रामपुर हो या गोरखपुर. संभल हो या फिरोजाबाद. पिछले हफ्ते की हिंसा में शामिल लोगों की पहचान के लिए शहर दर शहर पोस्टर लगवाये जा रहे हैं. लखनऊ में भी ऐसे ही पोस्टर जगह जगह लगाये गये हैं.