Lakhimpur Violence: लखीमपुर हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश की सरकार पूर्व जज की निगरानी में जांच को तैयार हो गई है. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट बुधवार को मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जज की नियुक्ति पर आदेश देगा. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार लखीमपुर हिंसा मामले की जांच की निगरानी के लिए राज्य के बाहर एक हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस की नियुक्ति के लिए सहमत हो गई है. हिंसा मामले की सुनवाई के लिए यूपी सरकार की ओर से हरीश साल्वे पेश हुए और उन्होंने राज्य सरकार का पक्ष रखा. 


सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जांच के लिए बने विशेष पैनल को अपग्रेड करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह आदेश इसलिए जारी किया गया था क्योंकि अधिकांश अधिकारी लखीमपुर खीरी से ही हैं. एसआईटी में शामिल होने वाले अधिकारियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाम मांगे हैं.


यूपी सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा कि हमने निर्देश ले लिया है. सुप्रीम कोर्ट जिन्हें भी ठीक समझे निगरानी के लिए नियुक्त कर दें. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरा सुझाव है कि नियुक्त जज को राज्य का या राज्य के बाहर का जज न कहा जाए. उन्होंने कहा कि यह काफी है कि कोर्ट एक जिम्मेदार व्यक्ति को नियुक्त करेगा.


बता दें कि लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान उनपर गाड़ी चढ़ा दी गई थी. इस घटना के बाद वहां हिंसा फैल गई थी जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में चार किसान ते. किसानों की ओर से आरोप लगाया गया कि जिस गाड़ी ने प्रदर्शनकारियों को कुचला उसमें केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा भी बैठे थे.


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