इलाहाबाद: यूपी में धार्मिक स्थलों पर बजने वाले लाऊडस्पीकर अब हटा दिए जाएंगे. लेकिन गाज उन पर ही गिरेगी जिनके लिए प्रशासन से इजाजत नहीं ली गई है. इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर ऐसे मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों की पहचान शुरू हो गयी है.


मामला तो बढ़ते प्रदूषण को रोकने का है. जिससे हम, आप और सब जूझ रहे हैं. धार्मिक जगहों पर लाऊडस्पीकर अपनी मर्जी से बजते रहते है. लेकिन यूपी में अब ऐसा नहीं चलेगा. इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बिना इजाजत लाऊडस्पीकर बजाने पर रोक लगा दी है. अदालत ने राज्य सरकार से उन लोगों की पहचान करने को कहा है जो ऐसा करते हैं. यूपी के प्रमुख गृह सचिव ने सभी ज़िलों के डीएम को चिट्ठी लिख कर ऐसे गैरकानूनी लाऊडस्पीकरों का पता लगाने को कहा है. अब मंदिर हो या मस्जिद या फिर गुरुद्वारा. सबको प्रशासन से ली गयी इजाजत की चिट्ठी दिखाने पड़ेगी. ऐसा नहीं होने पर लाऊडस्पीकर जब्त कर लिया जाएगा और उसे लगाने वाले के खिलाफ कार्रवाई भी होगी.


10 जनवरी तक ऐसे धार्मिक जगहों की पहचान कर लेने को कहा गया है. वैसे यूपी के कई शहरों में लाऊडस्पीकर बजाने को लेकर दंगे और साम्प्रदायिक झगडे होते रहे हैं. ये भी तय है कि हाई कोर्ट के आदेश पर कुछ जगहों पर विवाद भी हो जाए.


इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए सपा नेता और पूर्व मंत्री आज़म खान ने कहा कि बीजेपी सरकार को अपनी निगेटिव सोच से हट कर पोजेटिव सोच रखनी चाहिए. लाऊडस्पीकर जहाँ लगे हुए हैं उनकी इजाज़त दे दें और जो आगे लगाए वो परमीशन से लगाए. जहाँ लगे हुए हैं उन्हें लगा रहने दें. बजाए इसके की एक इमारत को पहले गिराए और फिर दोबारा बनाए.


मंदिर मस्जिद गुरद्वारे जहाँ पर भी लाऊडस्पीकर लगे हुए हैं उन्हें परमिशन दें आगे के लिए परमिशन की पाबन्दी लगा दें.