Madarsa Survey of UP: उत्तर प्रदेश (Uttar Prdaesh) की योगी सरकार द्वारा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों (Madarsa) के सर्वे को लेकर आज देवबंद (Deoband) में मदरसों के प्रमुखों का सम्मेलन हुआ जिसमें जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) के मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) ने कहा कि सर्वे करना सरकार का हक है और वो ठीक कर रही है. मौलाना अरशद मदनी के इस बयान पर इमाम काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद साजिद रश्दी (Sajid Rashdi) भड़के और कहा ऐसी संस्थाएं मुसलमानों को बीच रास्ते में छोड़ना चाहती हैं.


मौलाना साजिद रशदी ने मौलाना अरशद मदनी के इस बयान पर अपना गुस्सा जाहिर किया. साथ ही योगी सरकार द्वारा चलाए जा रहे सर्वे पर सवाल उठाते हुए कहा कि, इनका मकसद कुछ और है. अगर हम अपने कुछ बच्चों को इस्लाम की तालीम देना चाहते हैं तो उसमें सरकार को क्या आपत्ति हो सकती है?


सर्वों को नहीं रोका तो... - मौलाना साजिद रश्दी


मौलाना साजिद रशदी ने आगे कहा, अगर सरकार को सर्वे करवाना था तो पहले सभी मदरसों से कहा जाता है कि वो खुद को सरकार के पास रजिस्टर करवाएं क्योंकि सभी गुरुकुल या मदरसे का रजिस्ट्रेशन नहीं होता. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि, अगर इस तरह से सरकार सर्वे करवाती रही है तो मुसलमानों को उनके खिलाफ सामने आकर प्रदर्शन करना होगा. 


सर्वे ठीक है- मदनी


बता दें, मौलाना अरशद मदनी ने आज सम्मेलन में कहा क, सरकार का हक है कि वो सर्वे करे उनकी मदद की जाए. उन्होंने कहा, सर्वे वालों का किरदार ठीक है और अब तक के सर्वे में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. मदनी ने इस दौरान कहा कि, मदरसे हमारी मजहबी जरूरतों को पूरा करने लिए बनी हैं. 


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