नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक आश्रम में किशोर लड़कों से काम करवाने के साथ-साथ उनका यौन उत्पीड़न किया जा रहा था. मामला सामने आने के बाद आश्रम से 10 लड़कों को बचाया गया है. बच्चे गोड़िया मठ आश्रम में रहते थे. जानकारी मिलने के बाद चाइल्डलाइन हेल्पलाइन के अधिकारियों ने बच्चों को बचाया. जानकारी के अनुसार, बच्चों को त्रिपुरा, मिजोरम और असम से आश्रम लाया गया था.


आश्रम से बचाए गए सभी बच्चे 7 से 10 वर्ष के बीच की उम्र के हैं. कहा जा रहा है कि उन्हें पढ़ाई का झांसा देकर आश्रम में लाया गया था. लेकिन आश्रम में बच्चों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया, उन्हें मारा-पीटा गया और जानवरों की देखरेख करने के लिए मजबूर किया गया.


मामला सामने आने के बाद आश्रम के मालिक स्वामी भक्ति भूषण के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 (अप्राकृतिक अपराध) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.


एक शख्स की शिकायत पर बुधवार को चाइल्ड हेल्थ लाइन की टीम ने मठ पर छापेमारी की थी, जिसमें टीम ने मठ से 10 बच्चों को बचाया था. पूछताछ में बच्चों ने आश्रम संचालक भक्ति भूषण गोविंद पर उनसे पढ़ाई के बदले चिनाई का काम करने और पशुओं का चारा जंगल से मंगवाने के साथ-साथ कुकर्म का भी सनसनीखेज आरोप लगाया था. वहीं, मेडिकल रिपोर्ट में 4 मासूम बच्चों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हुई है.


गोड़िया मठ आश्रम में रहकर पढ़ाई करने वाले सभी पीड़ित 10 बच्चे नॉर्थ ईस्ट राज्यों के मिजोरम और त्रिपुरा के निवासी बताए जा रहे हैं, वहीं गुरुवार को चाइल्ड हेल्प लाइन ने बच्चों को सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया गया था, जहां बच्चों ने आश्रम के महंत पर यौन शोषण और उत्पीड़न करने की बात करते हुए अपने बयान दर्ज कराए थे.


सवालों के घेरे में विकास दुबे का एनकाउंटर, उज्जैन के ASP ने कहा था- हो सकता है विकास कानपुर पहुंचे ही नहीं


सैनिटाइजर, मास्क आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहर , कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा