लखनऊ: यूपी में योगी सरकार के आते ही सबसे ज्यादा हरकत में पुलिस विभाग है. लेकिन, लखनऊ में पुलिस मुख्यालय में तैनात आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार के एक ट्वीट से 'हड़कंप' मचा दिया है. 'बगावती' तेवर में किए गए इस ट्वीट में लिखा गया है कि 'यादव' सरनेम वाले पुलिसकर्मीयों के ट्रांसफर/पोस्टिंग को लेकर अधिकारियों में अफरातफरी मची है. हालांकि विवाद के बाद आईपीएस ने ट्वीट हटा दिया है.
उन्होंने कहा है कि पुलिस पर भारी दबाव है. सभी 'यादव' सरनेम वाले पुलिसकर्मियों की ट्रांसफर/पोस्टिंग को लेकर हड़कंप की स्थिति है. उन्हें डर है या तो सस्पेंड किया जाएगा या फिर लाइन हाजिर कर दिया जाएगा. अब देखना यह है कि एक आईपीएस के इस तरह के ट्वीट को लेकर सरकार का क्या रुख होता है. इस बीच आईपीएस ने ट्वीट हटाते हुए एक और ट्वीट में लिखा है कि 'मेरे ट्वीट का गलत मतलब समझा गया है.'
ट्वीट 1.
ट्वीट 2.
ट्वीट के बाद राजनीति तेज
आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार के ट्वीट के बाद समाजवादी पार्टी ने इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि उनका मानना है कि सरकार संविधान से चलती है, कानून से चलती है. कानून का राज होना चाहिए. सरकार और अधिकारी दोनों को कानून का निष्ठवान होना चाहिए.
इसके साथ ही सपा नेता ने कहा कि अगर ये आरोप सच है और सरकार कानून के दायरे में काम नहीं कर रही है और अन्याय कर रही है तो लोकतंत्र में वो इस मुद्दो को उचित फोरम पर उठाएंगे और इसका राजनीतिक जवाब देंगे.
विवाद
दरअसल, सत्ता गंवा चुकी सपा सरकार पर ये आरोप लगते रहे हैं कि अखिलेश के दौर में एक जाति खासकर 'यादवों' को पुलिस नियुक्ति और ट्रांसफर में खासी तरजीह दी जाती रही. हालांकि, आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार के आरोप पर अब तक योगी सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है.
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