Chandan Gupta Murder Case: उत्तर प्रदेश के कासगंज के चंदन गुप्ता हत्याकांड को लेकर लखनऊ में स्‍पेशल एएनआई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. इस हत्याकांड में एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने 28 आरोपियों को दोषी करार दिया तो वहीं दो को बरी किया गया है. इस मामले में एनआईए कोर्ट शुक्रवार (3 जनवरी 2025) को सजा का ऐलान करेगी. आरोपियों ने हाईकोर्ट में एनआईए कोर्ट की वैधानिकता और सुनवाई पर रोक की अर्जी लगाई थी, जिसके बाद लखनऊ बेंच ने याचिका खारिज कर दी थी.


तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हत्या


हाई कोर्ट में जस्टिस राजीव सिंह की बेंच ने NIA कोर्ट की सुनवाई पर सवाल उठाने वाली याचिका को अस्वीकार कर दिया था. 26 जनवरी 2018 को कासगंज में तिरंगा यात्रा निकालने के दौरान चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी, जिससे दो गुटों में हिंसा भड़क उठी थी. हिंसा में कई दुकानें, दो बसें और एक कार जला दी गई थी. इसके बाद यूपी के साथ-साथ पूरे देश की राजनीति गरमा गई थी.


25 अक्टूबर 2024 को ही सुनवाई पूरी कर ली गई थी


कासगंज से यह मामला एटा जिला कोर्ट और उसके बाद 2022 में एनआईए कोर्ट, लखनऊ में ट्रांसफर कर दिया गया था. एडिशनल जिला जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी की एनआईए कोर्ट ने 23 अक्टूबर 2024 को मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी और 25 अक्टूबर के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था. 18 आरोपियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर केस को कासगंज ट्रांसफर करने की मांग की थी, जिस वजह से फैसला अटका हुआ था.


कोर्ट में 12 गवाह पेश किए गए


चंदन गुप्ता के पिता सुशील गुप्ता ने 26 जनवरी 2018 की रात को कासगंज थाने में मामला दर्ज करवाया था. गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली गई तिरंगा यात्रा में चंदन उर्फ अभिषेक गुप्ता अपने भाई विवेक गुप्ता और अन्य साथियों के साथ शामिल हुआ था. इस मामले में एनआईए ने 26 अप्रैल 2018 को पहला आरोप पत्र दाखिल किया था. कोर्ट में 12 गवाह पेश किए गए थे, जिसमें मृतक के पिता सुशील कुमार गुप्ता और सौरभ पाल विशेष रूप से पेश किए गए थे.


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