लखनऊ: यूपी में एक सरकारी डॉक्टर की चिट्ठी ने खलबली मचा दी है. सब अपने अपने हिसाब से इस चिट्ठी की कहानी सुन और सुना रहे हैं. अफसरों के ग्रुप मैसेज में ये चिट्ठी हिट हो गई है. कौशांबी के अप्रैल मुख्य चिकित्सा अधिकारी यानी एडिशनल सीएमओ डॉक्टर वीके सिंह ने एक चिट्ठी डीएम मनीष वर्मा को लिखी है. उनकी मांग है कि सवेरे 10 बजे से पहले और शाम 5 बजे के बाद सरकारी मीटिंग न हो. ऐसा होने पर 50 साल से अधिक उम्र के अफसरों के लिए काम करना मुश्किल हो जाता है.


डॉक्टर सिंह लिखते हैं कि संविधान में जीवन जीने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है. वे कहते हैं ऑफ़िस टाइम के बाद ड्यूटी कराने से उन जैसे सरकारी अफसरों की सेहत ख़राब हो सकती है. जिले में तैनात एडिशनल सीएमओ का काम चौबीसो घंटे का होता है. किसी भी इमरजेंसी में उन्हें कभी और कहीं भी बुलाया जा सकता है. ऐसे पद पर रहते हुए डॉक्टर सिंह की इस चिट्ठी से सब हैरान हैं.



वैसे डॉक्टर सिंह ने कानून की डिग्री भी ले रखी है और अपने मातहत अफसरों को बात बात में कोर्ट में देख लेने की धमकी भी देते हैं. डॉक्टर सिंह ने इस चिट्ठी की कॉपी इलाहाबाद के कमिश्नर और हेल्थ विभाग के डायरेक्टर को भी भेजी है.


यूपी में योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद से ही सरकारी मशीनरी एक्शन में है. लखनऊ में रहने पर सीएम योगी खुद सवेरे से लेकर रात के 10-11 बजे तक ऑफिस में रहते हैं. सभी जिलों के डीएम और एसपी को हर हाल में सवेरे 9 बजे से अपने दफ़्तर में रहने का आदेश है. आईजी, डीआईजी और कमिश्नर से भी ऐसा ही कहा गया है.


पहले इन अधिकारियों के लिए ऑफिस आने का समय सुबह 10 बजे का था. कई बार तो ख़ुद सीएम योगी ने डीएम-एसपी के दफ्तर के लैंडलाइन नंबर पर फोन कर चेक किया कि वे ऑफ़िस में हैं या नहीं. जो भी अफ़सर इस टेस्ट में फेल हुआ उसकी जम कर क्लास ली गई. आम तौर पर शाम 5 बजे के बाद ही महत्वपूर्ण बैठके करने की परंपरा रही है.