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उत्तर प्रदेश में संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने अजान के बाद अब बुर्के पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर विवादित बयान दिया है. मंत्री के मुताबिक तीन तलाक की तरह ही मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से भी आजादी दिलाई जानी चाहिए. गौरतलब है कि यूपी के मंत्री के इस बयान के बाद एक बार फिर बुर्के को लेकर विवाद शुरू हो गया है. वैसे आपको बता दें कि दुनिया के कई देशों में बुर्का पहनने पर रोक लगी हुई है.
उत्तर प्रदेश सरकार में संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने एक बार फिर बुर्का को लेकर विवादित बयान दिया है. शुक्ला का कहना है कि जिस तरह से सरकार ने तीन तलाक को समाप्त किया है उसी तरह बुर्का पर भी बैन लगा दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में बुर्का पर प्रतिबंध है. बुर्का महिलाओं के लिए अमानवीय व्यवहार है. बहावी मानसिकता यहां हावी न हो इसलिए बुर्का प्रथा को ही समाप्त कर देना चाहिए.
लाउडस्पीकर पर अजान से दिक्कत को लेकर डीएम को लिखा था पत्र
बता दे कि यूपी सरकार में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने इससे पहले मस्जिद में लाउडस्पीकर पर अजान से दिक्कत को लेकर बलिया के डीएम को चिट्ठी लिखी थी. इसके बाद उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने को लेकर विवादित बयान दे दिया. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि ये उनकी व्यक्तिगत राय है.
दुनिया के कई देशों में बुर्का पहनने पर लगाई गई है रोक
वैसे बुर्का, हिजाब या नकाब पर बैन का मुद्दा पहले भी कई बार उठ चुका है. जहां कुछ इस्लामी विद्वान बुर्के को मुस्लिम महिलाओं के लिबास का जरूरी हिस्सा बताते है तो वहीं कई लोग इसके खिलाफ भी हैं. यह मसला भारत में ही नहीं दूसरे देशों में भी है. हालांक कई देशों ने बुर्का पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है. आइए जानते हैं किन-किन देशों में बुर्का पहनने पर रोक लगाई गई है.
इन देशों में बुर्का पहनने पर लगाया गया है प्रतिबंध
फ्रांस
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने 2010 में बुर्का पहनने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था. उन्होंने कहा था इससे महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिलेगा. फ्रांस कानून के मुताबिक बुर्का और नकाब पर पूरी तरह बैन लगा हुआ है और अगर कोई भी इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है.
चीन
चीन में पब्लिक बस में स्कार्फ पहनने की अनुमति नहीं है. जो ऐसा करते हैं उन्हें बसों में सवारी नहीं करने दिया जाता है.
डेनमार्क
डेनमार्क ने चेहरे को ढकने वाले सभी तरह के स्कॉर्फ पर बैन लगा रखा है. साल 2018 में इसको लेकर डेनमार्क की संसद में कानून पारित हुआ था. इस काननू के तहत डेनमार्क की पुलिस को यह अधिकार है कि अगर वह किसी महिला का चेहरा नकाब या बुर्का या किसी भी तरह से ढका हुआ देखते हैं तो उनको फाइन कर सकते हैं और हटाने को कह सकते हैं. पहली बार नियम का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने पर 1000 डैनिश क्रोन और दूसरी बार पकड़े जाने पर 10000 डैनिश क्रोन देने होते हैं.
जर्मनी
साल 2017 में जर्मनी में सरकारी कर्मचारी, जज और सैनिकों के पूरा चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया.
श्रीलंका
श्रीलंका ने भी सार्वजनिक जगहों पर चेहरे को पूरी तरह से ढकने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है.
बेल्जियम
बेल्जियम में 2011 से ही बुर्का और नकाब प्रतिबंधित हैं. इस नियम को तोड़ने की वजह से 24 अगस्त 2016 तक 60 महिलाओं के खिलाफ मुकदमा चलाया गया था. यहां अगर महिलाएं बुर्का पहन कर सार्वजनिक जगहों पर निकलती हैं तो उन्हें दंड के रूप में 7 दिनों की जेल हो सकती है. वहीं जेल से बचने के लिए उन्हें 1300 यूरो का भुगतान भी करना पड़ सकता है.
नीदरलैंड
नीदरलैंड ने 2016 में कुछ जगहों पर इसे प्रतिबंधित कर दिया. नियम के मुताबिक स्कूल के साथ-साथ उन जगहों पर जहां पहचान के लिए चेहरे देखना जरूरी हो जैसे एयरपोर्ट वहां पर यह नियम लागू होते हैं.
कैमरुन
साल 2015 में कैमरुन में बुर्का पर तब प्रतिबंध लगाया गया जब वहां दो महिलाओं ने इस परिधान का इस्तेमाल कर आत्मघाती हमला कर दिया था. इस हमले में 13 लोगों की मौत हो गई थी.
इटली इटली के लोम्बार्डी में किसी भी महिला के बुर्का पहनने पर रोक है. यह रोक खास तौर पर अस्पताल और सार्वजनिक जगहों पर है.
स्विट्जरलैंड
स्विट्जरलैंड की सरकार ने साल 2016 में टेसिन इलाके में बुर्के को बैन करने का कदम उठाया था. साथ ही इस कानून का उल्लंघन करने पर 9200 यूरो तक का फाइन भी दंड के रुप में देना अनिवार्य है.
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