MLC Election 2022: 'प्रत्याशी से मारपीट', नामांकन के बीच समाजवादी पार्टी का बड़ा आरोप, कहा- लोकतंत्र की हत्या में जुटी BJP
सपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि एमएलसी चुनाव में हार के डर से भाजपा के गुंडे पुलिस और प्रशासन के संरक्षण में सपा प्रत्याशियों का दमन कर रहे हैं.
एमएलसी चुनाव के नामांकन को लेकर समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाया है. सपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि एमएलसी चुनाव में हार के डर से भाजपा के गुंडे पुलिस और प्रशासन के संरक्षण में सपा प्रत्याशियों का दमन कर रहे हैं. सपा ने आरोप में कहा कि है कि फर्रुखाबाद में नामांकन करने पहुंचे सपा प्रत्याशी हरीश कुमार से भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने मारपीट की है. सपा ने कहा है कि इस मामले पर चुनाव आयोग संज्ञान ले और कठोर कार्रवाई करे.
वहीं सपा ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि बीजेपी लोकतंत्र की हत्या करने में जुटी है. पार्टी का आरोप है कि एटा से समाजवादी पार्टी के एमएलसी उम्मीदवार श्री उदयवीर सिंह के हाथों से नामांकन छीनकर सत्ता संरक्षित लोग भाग गए हैं. इस मामले में चुनाव आयोग संज्ञान ले और नामांकन की व्यवस्था की जाए.
एमएलसी चुनाव में हार के डर से भाजपा के गुंडे पुलिस और प्रशासन के संरक्षण में सपा प्रत्याशियों का दमन कर रहे।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) March 21, 2022
फर्रुखाबाद में नामांकन करने पहुंचे सपा प्रत्याशी श्री हरीश कुमार से भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने की मारपीट।
संज्ञान ले चुनाव आयोग, करे कठोरतम कार्रवाई। @ceoup @ECISVEEP pic.twitter.com/skmTSWd9zr
विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी और सपा विधान परिषद चुनावों में जी जान से जुट गई है. विधान सभा की 36 सीटों पर चुनाव सिर पर आ गया है. अब विधान परिषद में भी बहुमत के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है. प्रदेश में स्थानीय निकाय कोटे की विधान परिषद की 35 सीटें हैं. इसमें मथुरा, एटा और मैनपुरी सीट से दो प्रतिनिधि चुने जाते हैं, इसलिए 35 सीटों पर 36 सदस्यों का चयन होता है.
अमूमन यह चुनाव विधानसभा के पहले या बाद में होते रहे हैं. इस बार 7 मार्च को कार्यकाल खत्म होने के चलते चुनाव आयोग ने विधानसभा के बीच में ही इसकी घोषणा कर दी थी. बाद में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर परिषद के चुनावों को टाल दिया गया. स्थानीय निकाय की सीटों पर सांसद, विधायक, नगरीय निकायों, कैंट बोर्ड के निर्वाचित सदस्य, जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायतों के सदस्य, ग्राम प्रधान वोटर होते हैं.
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