प्रयागराज: नागरिकता संशोधन कानून पर मचा कोहराम थमने का नाम नहीं ले रहा है. दिल्ली के शाहीन बाग़ से लेकर प्रयागराज के मंसूर पार्क में बुर्कानशीं मुस्लिम महिलाएं लगातार इसके खिलाफ धरने पर बैठी हुई हैं. सरकार और जानकारों के लाख समझाने के बावजूद मुस्लिम समुदाय के ज़्यादातर लोग अब भी इसे कबूल करने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में संगम नगरी प्रयागराज की बुर्कानशीं मुस्लिम महिलाओं ने लोगों को जागरूक करने के लिए अनूठी पहल की है.
तकरीबन दो दर्जन मुस्लिम महिलाओं ने एलान किया है कि वह CAA और NRC को लेकर लोगों के बीच जाएंगी और इसकी असलियत से लोगों को रूबरू कराएंगी. इन बुर्कानशीं मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि वह नागरिकता संशोधन क़ानून को बखूबी समझती हैं. इसे लेकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है और मुस्लिमों को इस्तेमाल कर उनसे विरोध प्रदर्शन कराया जा रहा है.
प्रयागराज के अलग-अलग हिस्सों की रहने वाली इन बुर्कानशीं मुस्लिम महिलाओं में कोई छात्रा है तो कोई टीचर. कोई गृहिणी है तो कोई सिर्फ मामूली पढ़ी हुई. यह न तो किसी सियासी पार्टी से जुडी हुई हैं और न ही किसी संगठन से. इन्हे एक प्लेटफार्म पर लाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद नाज़िम का कहना है ये महिलाएं भी पहले लोगों के बहकावे में थीं. इन्हे भी इनकी असलियत का अंदाजा नहीं था, लेकिन इन्हे तमाम डाक्यूमेंट्स दिए गए.
पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बयान सुनाए गए और इन्हे हकीकत से रूबरू कराया गया. प्रयागराज के संगम तट पर लगे माघ मेले में गंगा सेना के संयोजक और योग गुरु स्वामी आनंद गिरि व अन्य लोगों ने भी उनकी काउंसलिंग की. खुद संतुष्ट होने और इसकी सच्चाई जानने के बाद इन महिलाओं ने खुद कमान संभालने का फैसला किया है.
ये सबसे प्रयागराज के गली -मोहल्लों और मुस्लिम बस्तियों में जाकर वहां के लोगों को समझाएंगी और उसके बाद दूसरे शहरों में भी जाएंगी. इनका कहना है कि कुछ लोगों ने अपने निजी फायदे के लिए मुस्लिमों को बरगलाया और उनका इस्तेमाल किया. धरना और प्रदर्शन करने वाले लोगों को इसकी असलियत पता ही नहीं है. इससे देश भर में मुस्लिमों की छवि खराब हो रही है. ऐसे में उन्होंने अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए लोगों के बीच जाने और उन्हें जागरूक करने का फैसला किया है. अपने इस अभियान को आगे बढ़ाने में वह न तो डरेंगी. न झुकेंगी और न ही पीछे हटेंगी.
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