शिखर सम्मेलन: विरोधी मैदान छोड़ चुके हैं और घर बैठकर ट्वीट कर रहे हैं- योगी
लखनऊ: देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका परिषद और 439 नगर पंचायतों के लिए वोटिंग होनी है. पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई योगी सरकार के लिए ये निकाय चुनाव पहली अग्नि परीक्षा से कम नहीं हैं. वहीं विपक्ष इसी चुनाव के जरिए बीजेपी को आइना दिखाने की कोशिश कर रहा है.
इससे पहले, सूबे की जनता प्रदेश के बड़े नेताओं से उनके वादे और दावे जानना चाहती है, साथ ही जनता के मन में अपने नेताओं को लेकर कई सवाल भी हैं. जनता के इन्हीं सवालों के जवाब पाने के लिए ABP न्यूज़ ने शिखर सम्मेलन का आयोजन किया है. शिखर सम्मेनल में सीएम योगी आदित्यनाथ, पूर्व सीएम अखिलेश यादव, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा, महिला कल्याण मंत्री स्वाति सिंह, एसपी नेता जूही सिंह और कांग्रेस नेता प्रियंका चतुर्वेदी जनता के सवालों से रूबरू होंगे.
शिखर सम्मेलन में क्या बोले योगी आदित्यनाथ
- प्रदेश अगर अपने को सेकुलर कहता है तो हमें प्रदेश को वैसे ही चलाना होगा. मेरी आस्था जिस पर है मैं वैसे ही काम करूंगा कोई मुझ पर अपनी आस्था थोप नहीं सकता. मैं सभी त्योहार अपने आवास पर मामने की इजाजत नहीं दे सकता. उन लोगों को (मुसलमानों) को सुरक्षा देना मेरा कर्तव्य है जिसका निर्वाह मैं अंतिम क्षणों तक करूंगा.
- उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था मुद्दा रही है लेकिन हमने सबकी सुरक्षा का वादा किया है, हम उसे पूरा कर रहे हैं. सबको सुरक्षा दी जाएगी लेकिन कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है. अगर कोई ऐसा करता है तो कार्रवाई की जाएगी.
- अखिलेश सरकार पर योगी का हमला- अखिलेश सरकार ने योजनाओं को अधूरा छोड़ दिया था. हमने रात दिन मेहनत करके उन योजनाओं को पूरा किया. अगर समाजवादी पार्टी की सरकार होती तो ये काम छह महीने तो क्या छह साल में भी पूरे नहीं होते.
- पद्मावती पर योगी आदित्यनाथ ने कहा- अगर इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं हुई तो फिर लोग डर क्यों रहे हैं. मीडिया की ट्रायल अलग से क्यों करवाई जा रही है. जिन लोगों से पूरा देश अपनी भावनाओं को जोड़ता है तो ऐसे प्रतीकों से छोड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. अगर इतिहास के साथ छेड़छाड़ होगी तो स्थिति खराब होगी, हमने इसकी सूचना केंद्र सरकार को दे दी है.
- राहुल गांधी जो गुजरात में मंदिर मंदिर भटक रहे हैं, मैं इससे खुश हूं कि इससे इनकी बुद्धि शुद्ध हो रही है. लेकिन इनसे सवाल होना चाहिए यूपीए सरकार ने एक हलफनामा दिया था कि राम और कृष्ण कालपनिक हैं. जब भगवान काल्पनिक हैं तो फिर मंदिर क्यों जा रहे हैं. उस बेचारे (राहुल गांधी) को ये भी नहीं पता कि मंदिर में बैठने का तरीका भी नहीं पता, वाराणसी में ऐसे बैठे थे जैसे मस्जिद में नवाज पढ़ रहे हों. पुजारी ने बताया कि मंदिर में कैसे बैठते हैं.
- श्री श्री से मुलाकात पर बोले योगी- श्री श्री से मुलाकात सिर्फ शिष्टाचार थी किसी मुद्दे विशेष को लेकर नहीं थी. दूसरी बात कि अयोध्या के जो भी मामले में कोर्ट में हैं श्री श्री उसमें कहीं भी पार्टी नहीं हैं. इतने साल में कोई मध्यस्थता के लिए सामने नहीं आया, जब सुप्रीम कोर्ट ने डे टु डे सुनवाई की तारीख तय कर दी है तो फिर ऐसी मध्यस्थता का सवाल नहीं. हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है.
- गुजरात की जनता में जिस प्रकार का उत्साह है उसे देखकर लगता है कि भारतीय जनता पार्टी बहुत अच्छे बहुमत से सरकार बनाएगी. हमारे अध्यक्ष ने जो लक्ष्य तय किया है उससे भी आगे बढ़कर हम सीटें हासिल करेंगे.
- परिवारवादी और जातिवादवादी मानसिकता से काम करने वालों से ज्यादा उम्मीद नहीं है, इसलिए वे लोग पहले ही मैदान छोड़ कर भाग चुके हैं.
- जब आप पंचायत या निकाय चुनाव में जाते हैं तो स्थानीय मुद्दे होते हैं लेकिन फिर भी हम प्रदेश के विकास के लिए जनता से संवाद के लिए जा रहे हैं. लोकतंत्र में संवाद की जरूरत होती है.
- पहले गैरकानूनी तरीके से ठेके लखनऊ में बैठकर दिए जाते थे, जब इसकी जांच कराएंगे तो कई पार्टियों के बड़े बड़े नेता जेल के अंदर दिखेंगे या फिर वे प्रदेश छोड़कर कहीं और शरण लेंगे.
- आठ महीने में बीस लाख लोगों को बिजली के कनेक्शन दिए गए. आठ महीने में आठ लाख गरीबों के लिए घरों का इंतजाम किया.
- महानगरों में मेट्रो या मेट्रो जैसे ही ट्रांसपोर्ट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी. मेट्रो चलाने के लिए कॉरपोरेशन का गठन करने जा रहे हैं.
- पूरे प्रदेश में स्ट्रीट लाइटों को एलईडी से बदला जाएगा जिससे पूरा प्रदेश एक जैसी रोशनी चमकेगा. नगर निगमों में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था भी की जा रही है.
- विरोधी पहले ही मैदान छोड़ चुके हैं. हमने विरोधियों को घर पर बैठकर ट्वीट करने का मौका दिया है. वे लोग बेरोजगार होकर अपराध ही ओर ना जाएं इसलिए हमने उन्हें घर बैठकर ट्वीट करने का मौका दिया है.
- उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ में एबीपी न्यूज़ परिवार का स्वागत करता हूं. एबीपी न्यूज़ को निकाय चुनाव को प्राथमिकता देते हुए रुचि का मुद्दा बनाने के लिए धन्यवाद देता हूं. निकाय चुनाव में जितनी बड़ी आबादी हिस्सा ले रही है उतनी आबादी देश के किसी प्रदेश समेत दुनिया के कई देशों की आबादी नहीं है.