TMC on Nameplate Row: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा के रास्ते पर सभी दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी (22 जुलाई) को रोक लगा दी है. कांवड़ यात्रा के रास्ते पर मौजूद सभी दुकानों और ढाबों पर मालिकों और कर्मचारियों के नाम लिखने का आदेश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद और याचिकाकर्ता महुआ मोइत्रा ने इसे "असंवैधानिक आदेश" करार दिया.


न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में टीएमसी सांसद और याचिकाकर्ता महुआ मोइत्रा कहा, "मुझे खुशी है, हमने कल याचिका दायर की थी और आज सुप्रीम कोर्ट में यह मामला आया. यह हमारे संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ एक पूरी तरह से असंवैधानिक आदेश है. इस आदेश पर रोक है और मालिकों और कर्मचारियों की पहचान और नाम प्रदर्शित करने की कोई आवश्यकता नहीं है. दुकानों में केवल शाकाहारी या मांसाहारी के बोर्ड ही लगाया जाना है.


मैं TMC और CM ममता बनर्जी की आभारी- महुआ मोइत्रा


तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने एएनआई से बातचीत में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उनके लिए खड़े होने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि हम खड़े हुए और मैं अपनी पार्टी और अपनी नेता ममता बनर्जी की बहुत आभारी हूं, जो हमेशा किसी भी असंवैधानिक चीज के खिलाफ खड़ी रही हैं.






जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?


सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को यूपी के मुजफ्फरनगर के एएससपी द्वारा दुकानदारों को कांवड़ यात्रा के मौसम के दौरान दुकानों के बाहर अपना नाम प्रदर्शित करने के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की. इस दौरान जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवी एन भट्टी की पीठ ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया, जहां कांवड़ यात्रा होती है. पीठ ने कहा कि राज्य पुलिस दुकानदारों को अपना नाम प्रदर्शित करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती.


पीठ ने कहा कि उन्हें केवल खाद्य पदार्थ प्रदर्शित करने के लिए कहा जा सकता है. पीठ ने आदेश में कहा, "वापसी की तारीख तक, चर्चा को ध्यान में रखते हुए, हम उपरोक्त निर्देशों के प्रवर्तन पर रोक लगाने के लिए एक अंतरिम आदेश पारित करना उचित समझते हैं." उन्होंने आगे कहा कि दुकान मालिकों और फेरी वालों आदि को ये प्रदर्शित करने की जरूरत हो सकती है कि वे कांवड़ियों को किस प्रकार का भोजन परोस रहे हैं, लेकिन उन्हें नाम प्रदर्शित करने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए.


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