यूपी: नोएडा एसएसपी के आरोप और वायरल वीडियो से मची सनसनी
कथित वीडियो वायरल होने के बाद वैभव कृष्ण ने नोएडा सेक्टर-20 थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाकर आईजी रेंज (मेरठ) से इसकी जांच करवाने की अपील की थी. वैभव कृष्ण मामले को लेकर यूपी में पुलिस महकमे में हलचल मची हुई है.
लखनऊ: यूपी के नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण के वायरल वीडियो के मामले में अब सरकार भी सक्रिय हो गई है. मामला चर्चा में आने के बाद यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पूरे मामले पर जांच की बात कही है. हालांकि जांच में क्या आएगा ये तो किसी को नहीं पता लेकिन यूपी में पुलिस विभाग के अंदर कैसे आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है, ये अब खुलकर सबके सामने आ गया है.
क्या है पूरा मामला
किसने क्या कहा, ये जानने से पहले यह जानना ज़रूरी है कि आख़िर यह मामला है क्या. दरअसल, एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण का एक वीडियो साल के पहले दिन वायरल हो गया. इस वीडियो के वायरल होने के बाद वैभव कृष्ण मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा कि उन्होंने पांच आईपीएस अफसरों के खिलाफ सीएम ऑफिस, डीजीपी और अपर मुख्य सचिव (गृह) को करीब एक महीना पहले गोपनीय जांच रिपोर्ट भेजी थी. उस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जबसे उन्होंने रिपोर्ट भेजी है, तबसे एक बड़ी लॉबी उनके ख़िलाफ़ साजिश रच रही है और जो वीडियो वायरल किया गया है, वो सही नहीं है और वह इसी साजिश का हिस्सा है. नोएडा के 4 पत्रकारों को गैंगस्टर ऐक्ट में गिरफ्तार किया गया था. इन पत्रकारों से बातचीत का सबूत देते हुए दावा है कि कुछ अधिकारी पैसे देकर ट्रांसफर कराने का खेल करते रहे हैं. एसएसपी वैभव कृष्ण ने शिकायत पत्र में पांच अधिकारियों का नाम लिया है. अब कथित वीडियो वायरल होने के बाद वैभव कृष्ण ने नोएडा सेक्टर-20 थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाकर आईजी रेंज (मेरठ) से इसकी जांच करवाने की अपील की थी.
डीजीपी ने पूछा, दस्तावेज़ क्यों सार्वजनिक किए?
लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत में डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि इस मामले में जांच के लिए एडीजी मेरठ ज़ोन को 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है. उन्होंने सर्विस बुक का हवाला देते हुए कहा कि एसएसपी वैभव कृष्णा से पूछा जाएगा कि उन्होंने गोपनीय दस्तावेज क्यों वायरल किए. डीजीपी ने माना कि विडियो क्लिप वायरल हुआ है. उन्होंने बताया कि एसएसपी नोएडा ने इस वायरल वीडियो को लेकर मुकदमा दर्ज कराया है. एसएसपी नोएडा ने गोपनीय दस्तावेज भेजे थे. जब हम लोगों को संज्ञान में आया तो निष्पक्षता के आधार पर केस हापुड़ ट्रांसफर कर दिया. एसपी हापुड़ इस मामले की जांच कर रहे हैं. आईजी मेरठ जोन इस मामले को नजदीकी से देखेंगे. एडीजी मेरठ से जांच करने को कहा गया है. एडीजी मेरठ ने जांच के लिए और समय मांगा है. हमने 15 दिन का और समय दिया है. जिन 5 आईपीएस अधिकारियों का नाम वैभव कृष्णा ने लिया है, क्या उनपर कार्रवाई होगी, इस सवाल पर डीजीपी ने जांच पूरी होने की बात कहने लगे.
अखिलेश यादव ने पूछा, कौन कर रहा है लेनदेन?
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वैभव कृष्ण के मामले में कहा कि अगर आईपीएस अधिकारी आरोप लगा रहा है तो बताएं कि पैसे का लेनदेन कौन कर रहा है. षड्यंत्र करने वाला आईपीएस कैसे हो सकता है. कागज़ हमें मिल जाये और सरकार बदल जाये तो हम दिखाएंगे.
अब आगे क्या होगा?
ऐसे में वैभव कृष्ण मामले को लेकर यूपी में पुलिस महकमे में हलचल मची हुई है. फ़िलहाल किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है लेकिन यह तय है कि कोई न कोई इस मामले में नपेगा ज़रूर. या तो वैभव कृष्णा के दावे में सच्चाई होगी तो 5 आईपीएस अधिकारियों की भूमिका पर कार्रवाई होगी, या फिर एसएसपी वैभव कृष्णा पर गोपनीय दस्तावेज़ लीक करने को लेकर उनपर कार्रवाई होगी. फ़िलहाल जिन अधिकारियों का नाम वैभव कृष्ण ने लिया है, वो पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं. हमने जब इन अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो सबने कुछ भी कहने से मना कर दिया है. एक बड़ा सवाल यह भी है कि जिन पत्रकारों की पैसे लेकर ट्रांसफर कराने की भूमिका का ज़िक्र है, आख़िर लखनऊ में बैठे किस अधिकारी को पैसे दिए जाते थे. कौन-कौन ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल में लिप्त है. ऐसी कई बातें हैं जो आने वाले दिनों जांच नतीजों में सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है.