यूपी पुलिस का दावा- मेरठ में प्रदर्शनकारियों ने बनाया था 30 पुलिसकर्मियों को जलाने का प्लान
सीएए के खिलाफ 20 दिसंबर को लिसाड़ी गेट व हापुड़ रोड पर उपद्रवियों ने जमकर पथराव, आगजनी और फायरिंग की थी. कई जगह भीड़ हिंसा पर उतारू हो गई थी. इस उपद्रव में कई लोगों की मौत हुई थी और काफी संख्या में लोग घायल हुए थे.
मेरठ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक वीडियो क्लिप जारी की है, जिसमें दिखाया गया है कि मेरठ में प्रदर्शनकारियों ने एक दुकान के अंदर मौजूद 30 पुलिसकर्मियों और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवानों को आग लगाने की योजना बनाई थी. यह घटना 20 दिसंबर को लिसाड़ी गेट पर हुई, जब प्रदर्शनकारियों ने दुकान को बाहर से बंद कर दिया और वहां आग लगाने की कोशिश की.
हालांकि, एसएसपी अजय साहनी समय रहते मौके पर पहुंच गए और उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को वहां से बाहर निकाला.
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर गोलीबारी की, जिसमें दो आरएएफ जवान घायल हो गए। इस दौरान एक स्थानीय पत्रकार भी घायल हो गया.
पुलिस ने कहा कि इसके संबंध में एक मामला दर्ज किया गया है और आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है.
20 दिसंबर शुक्रवार जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में सीएए के विरोध में प्रदर्शन किया गया था जो काफी उग्र हो गया था. उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव भी किया था और कई शहरों में तो आगजनी भी की गई जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया था.
उपद्रवी हिंसा के दौरान इस कदर आक्रोशित थे कि जुमे की नमाज के बाद उपद्रवी एकदम से सड़क पर आ गए थे, जिसके बाद मेरठ में हिंसा भड़क गई थी. लाखों की सरकारी संपत्ति का नुकसान कर दिया गया था.
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