UP Police Order for Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर उसके मालिक के नाम लिखने के यूपी पुलिस के आदेश की आलोचना करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. अब बीजेपी के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसका विरोध किया है.


मुख्ता अब्बास नकवी ने लिखा, “अरे ट्रोलर टट्टुओं...कांवड यात्रा के सम्मान, श्रद्धा का सर्टिफिकेट कम से कम मुझे तो मत बाटों, मेरा हमेशा मानना है कि कोई भी आस्था असहिष्णुता, अस्पृश्यता की बंधक नहीं होनी चाहिए.”




गुरुवार को भी आदेश को बताया था गलत


इससे पहले इस आदेश के जारी होने के फौरन बाद ही गुरुवार (18 जुलाई 2024) को नकवी ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे गलत बताया था. तब नकवी ने लिखा था कि कुछ अति-उत्साही अधिकारियों के आदेश हड़बड़ी में गडबड़ी वाली ..अस्पृश्यता की बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं. आस्था का सम्मान होना ही चाहिए,पर अस्पृश्यता का संरक्षण नहीं होना चाहिए...."जनम जात मत पूछिए, का जात अरु पात. रैदास पूत सब प्रभु के, कोए नहिं जात कुजात.




मायावती भी कर चुकी हैं विरोध


इस आदेश का विरोध बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती भी कर चुकी हैं. उन्‍होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्‍स पर लिखा कि पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर जिला के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश यह गलत परंपरा है जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है. जनहित में सरकार इसे तुरंत वापस ले.


क्या है पुलिस का आदेश?


उत्तर प्रदेश में कावड़ यात्रा को लेकर पुलिस ने एक नया आदेश जारी किया है. इसके तहत, अब कावड़ यात्रा के रास्ते में हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा, ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले.


क्या है इस आदेश के पीछे का तर्क?


आदेश जारी कर कहा गया है कि यह फैसला कावड़ियों में किसी भी प्रकार से कंफ्यूजन से बचने के लिए किया गया है, ताकि किसी प्रकार का आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू न हो और कानून-व्यवस्था बनी रहे. इसलिए इसका निर्देश दिया गया है और सब इसका स्वेच्छा से पालन कर रहे हैं.


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