लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार को अक्सर निशाने पर लेने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को उन्नाव की घटना को लेकर ट्विटर पर शेयर किए गए एक वीडियो को खुद ही डिलीट करना पड़ा. इस वीडियो में पुलिस लाठीचार्ज से एक युवा किसान को अधमरा दिखाया गया था, जबकि हकीकत में वहां लेटा हुआ युवक मौका देखकर भाग निकला.
उन्नाव में ज़मीन अधिग्रहण को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं और आंदोलन उग्र होने पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. इसी दौरान एक किसान ज़मीन पर औंधे मुंह पड़ा दिखा, जिसको एक पुलिसकर्मी लाठी से पीटते नज़र आया.
वीडियो देखकर ऐसा लगा जैसे किसान अधमरा है या शायद उसकी मौत ही हो गई. जो वीडियो वायरल हुआ वो 21 सेकेंड्स का है. लगातार पुलिस के रुख़ पर इस वीडियो के ज़रिए सवाल उठाए जा रहे थे. इस वीडियो को प्रियंका गांधी समेत कई लोगों ने ट्वीट कर यूपी सरकार पर सवाल भी उठाए थे.
वीडियो के जवाब में यूपी सरकार के सूचना विभाग ने एक 23 सेकंड्स का वीडियो जारी किया. ये वीडियो उसी लोकेशन का ही है और इसमें पुलिस भी दिख रही है और वो कथित अधमरा किसान भी. लेकिन 23 सेकेंड के इस नए वीडियो में पीड़ित ज़मीन पर पड़ा दिख रहा है और पीछे बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी आंदोलनरत किसानों से जूझते नज़र आ रहे हैं.
तभी अचानक एक धमाके की आवाज़ आती है और ज़मीन पर पड़ा व्यक्ति तेज़ी से उठता है और मौके से भाग निकलता है. अब यूपी सरकार दावा कर रही है कि मौके पर असल किसान नहीं बल्कि योजनाबद्ध तरीक़े से लाये गए प्रदर्शनकारी मौजूद थे. सरकार ये भी बताने की कोशिश कर रही है कि उन्नाव में जो भी कुछ हुआ वो दरअसल किसान आंदोलन नहीं बल्कि राजनैतिक साजिश थी.
इस 23 सेकेंड के नए वीडियो को सोशल मीडिया में लाने वाले सूचना विभाग के सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव बड़े घर में पैदा होकर राजनीति कर रहे हैं. ज़मीन पर ये लोग जाते नहीं और जो सोशल मीडिया में दिखता है, उसको ट्वीट कर राजनीति कर रहे हैं. जबकि सच्चाई इन नेताओं को पता नहीं है. ऐसे नेताओं को सच दिखाने के लिए ही पूरा वीडियो जारी किया गया है ताक़ि आधा अधूरा वीडियो देखकर लोग गलत जानकारी ना रखें.
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