नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव दिलचस्प हो चुका है. कल होने वाली वोटिंग से पहले समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में बैठकों का दौर जारी है. आज कांग्रेस-बीएसपी ने लंच पर विधायकों को बुलाया है. उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने में सबसे अधिक पसीने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बहाने पड़ रहे हैं. दरअसल उनके ऊपर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार भीमराव अम्बेडकर को भी जिताने की जिम्मेदारी है. बीजेपी ने नौ उम्मीदवार उतारकर विपक्षी दलों की मुश्किलें बढ़ा दी है. चुनाव में क्रॉस वोटिंग की आशंका है.


अखिलेश के डिनर में राजा भैया
चुनाव को लेकर ही बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधायकों को डिनर में बुलाया. पत्नी डिंपल के साथ ताज पहुंचते ही अखिलेश ने राजा भैया के बारे में पूछा. उन्हें बताया गया कि वे आ रहे हैं. उन्हें बताया गया कि वे आ रहे हैं. मायावती और राजा भैया की दुश्मनी तो जगज़ाहिर है. इसी कारण समाजवादी पार्टी के नेता परेशान थे. लेकिन घंटे भर बाद वे आ ही गए. राजा के पास निर्दलीय विधायक विनोद सरोज का भी वोट है.

उन्होंने अखिलेश और जया बच्चन के साथ फोटो भी खिचवाई. राजा ने कहा “हम अखिलेश यादव के साथ थे, हैं और रहेंगे”. एसपी के 47 विधायक हैं. जया बच्चन के खाते के 37 एमएलए के बाद पार्टी के पास 10 वोट बचते हैं. लेकिन नितिन अग्रवाल पहले बीजेपी के पाले में जा चुके हैं. बीएसपी के 19, कांग्रेस के 7 और आरएलडी के एक विधायक हैं. सबको जोड़ने पर 35 वोट होते हैं. इसमें अगर राजा भैया और विनोद सरोज का वोट जोड़ दें तो आँकड़ा 37 तक पहुंच जाता है. इस हिसाब से तो बीएसपी के उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर की जीत तय है.

हालांकि अखिलेश की बैठक से कई विधायक नदारद दिखे. डिनर में शिवपाल यादव समेत कई विधायक मौजूद रहे. उन्होंने मीडिया से कहा कि 'हमारे दोनों कैंडिडेट जीतेंगे.' समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव बीएसपी के उम्मीदवार भीमराव अम्बेडकर को राज्यसभा भेजने के लिए वोटों की गणित में जुटे हुए हैं. बीएसपी ने उत्तर प्रदेश लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का साथ दिया था. इस चुनाव में सपा को बड़ी जीत मिली.

इस बार यूपी कोटे से राज्य सभा के 10 सांसद चुने जायेंगे. बीजेपी ने 9, एसपी और बीएसपी ने एक-एक उम्मीदवार उतारा है. 324 विधायकों वाली बीजेपी 8 सीट तो आसानी से जीत जाएगी. एक सांसद के लिए 37 विधायकों के वोट की जरुरत है. सपा उम्मीदवार जया बच्चन की भी सीट निकल जाएगी. जबकि बीएसपी की भी एक निकलने के आसार बन गये है. बीएसपी के उम्मीदवार भीमराव अम्बेडकर (बसपा के 19+ राजा भैया और विनोद सरोज का एक-एक वोट+1 आरएलडी+कांग्रेस के 9 और 7 वोट सपा) को कुल 38 वोट मिलने की उम्मीद है. हालांकि क्रॉस वोटिंग होने पर मुश्किलें बढ़ जाएगी.

बीजेपी का क्या है समीकरण
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के घर पर बीजेपी के विधायकों को खाने पर बुलाया गया था. सहयोगी दल सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी पहुंचे. उनके चार विधायक हैं. अमित शाह से मुलाकात के बाद राजभर के गिले-शिकवे खत्म हो गए हैं. बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल के सभी 9 एमएलए भी योगी के घर मौजूद थे. हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए नरेश अग्रवाल के विधायक बेटे नितिन भी पहुंचे. निर्दलीय बाहुबली विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने योगी के पैर छू कर आशीर्वाद लिए. अरूण जेटली और अनिल जैन समेत बीजेपी के आठों उम्मीदवार आसानी से जीत जायेंगे. इसके बाद पार्टी के पास 28 विधायकों के वोट बचते हैं. जीतने के लिए 37 वोट चाहिए. नितिन और दो निर्दलीय एमएलए अमनमणि और विजय मिश्र को जोड़ दें तो संख्या 31 तक पहुंच जाती है.

खबर है कि बीजेपी ने लखनऊ के पड़ोसी जिले के एक बीएसपी एमएलए को मैनेज किया है. दिल्ली से सटे इलाके के एक और बीएसपी एमएलए भी पाला बदल सकते हैं. कांग्रेस नेता इमरान मसूद का दावा है कि उनकी पार्टी के सभी विधायक साथ हैं. लेकिन अगर बीएसपी और बीजेपी के अनिल अग्रवाल को 36-36 वोट मिलते हैं. तो फिर गिनती दूसरी वरीयता के वोटों की होगी. ऐसे हालात में भी बीजेपी जीत सकती है. गोरखपुर और फूलपुर के लोकसभा उप चुनाव में जीत के बाद से ही बीएसपी और एसपी कैंप के हौसले बुलंद हैं. वहीं बीजेपी हर हाल में जीतने की जुगाड़ में जुटी है.

मुख्तार अंसारी करेंगे वोट
जेल में बंद बीएसपी नेता मुख्तार अंसारी की वोटिंग को लेकर बुधवार तक सस्पेंस बना हुआ था. इस बीच चुनाव आयोग ने मुख्तार अंसारी को वोटिंग की इजाजत दे दी है.

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