एक्सप्लोरर
UP Religious Conversion: यूपी में कोई शख्स अगर अपना धर्म बदलना चाहता है तो उसे किस प्रक्रिया से गुजरना होगा, जानिए- पूरे नियम और कायदे
उत्तर प्रदेश सरकार ने जबरन अंतरधार्मिक शादी रोकने के लिए कानून बनाया था. इसे गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक-2020 नाम दिया गया. इसमें जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वालों को लिए कड़ी सजा का प्रवाधान किया गया है. इसके मुताबिक जबरन धर्म परिवर्तन करवाना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है. सरकार ने गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक-2020 में अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करना वालों के लिए प्रक्रिया तय की है.

मंदिर-्मस्जिद
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में लालच देकर बड़े धर्म परिवर्तन रैकेट के खुलासे के बाद हडॉकंप मचा हुआ है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जिस आरोप है कि उसने करीब एक हजार लोगों का लालच देकर या फिर जबरन धर्म परिवर्तन कराया है.
इस मामले में यूपी एटीएस ने दो आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश पुलिस की मानें तो धर्म परिवर्तन के लिए आईएसआई की फंडिंग का मामला सामने आया है.
मूक बधिर लोगों को बनाते थे निशाना, धर्म परिवर्तन के बाद शादी भी करवाइ
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुतताबिक मूक-बधिर छात्रों और निर्धन लोगों को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के मुफ्ती काजी जहांगीर आलम (निवासी जोगाबाई, जामिया नगर, नयी दिल्ली) और मोहम्मद उमर गौतम (निवासी बाटला हाउस, जामिया नगर, नयी दिल्ली) को एटीएस ने गिरफ्तार किया है.
मूक बधिर लोगों को बनाते थे निशाना, धर्म परिवर्तन के बाद शादी भी करवाइ
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुतताबिक मूक-बधिर छात्रों और निर्धन लोगों को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के मुफ्ती काजी जहांगीर आलम (निवासी जोगाबाई, जामिया नगर, नयी दिल्ली) और मोहम्मद उमर गौतम (निवासी बाटला हाउस, जामिया नगर, नयी दिल्ली) को एटीएस ने गिरफ्तार किया है.
इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने धर्म परिवर्तन के बाद महिलाओं की शादी भी कराई. जानकारी के मुताबिक इनका रैकेट उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में भी सक्रिय है.
उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन को लेकर क्या कानून है?
उत्तर प्रदेश सरकार ने जबरन अंतरधार्मिक शादी रोकने के लिए कानून बनाया था. इसे गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक-2020 नाम दिया गया. इसमें जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वालों को लिए कड़ी सजा का प्रवाधान किया गया है. इसके मुताबिक जबरन धर्म परिवर्तन करवाना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है.
इसमें अलग अलग मामलों के लिए अलग अलग सजा का प्रवाधान किया है. जैसे धर्म छिपाकर शादी करने पर 10 साल तक की सजा, नाबालिग या अनुसूचित जाति या जनजाति की लड़की का धर्म परिवर्तन करवाने पर 10 साल तक की सजा, 25 हजार तक जुर्माना और गैरकानूनी सामूहिक धर्म परिवर्तन करवाने पर 50 हजार तक जुर्माना, 3 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है.
स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के लिए क्या करना होगा?
उत्तर प्रदेश सरकार ने गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक-2020 में अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करना वालों के लिए प्रक्रिया तय की है. इसके तहत धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को दो महीने पर अपने जिले डीएम को जानकारी देनी होगी.
इसके साथ ही उन्हें यह भी बताना होगा कि वे बिना किसी लालच, डर और बहकावे में आए वे धर्म परिवर्तन कर रहे हैं. ऐसा ना करने पर धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को दोषी माना जाएगा. इसके लिए कानून में 6 माह से 3 साल तक की सजा का प्रावधान है.
धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को संबंधित अधिकारी के सामने घोषणा करनी होगी कि वह बिना किसी लालच, डर, प्रभाव , प्रपीड़न, बिना जोर जबरदस्ती, बिना किसी छल कपट के धर्म परिवर्तन कर रहा है. इसके साथ ही उसे यह भी बताना होगा कि यह सिर्फ शादी के उद्देश्य से नहीं किया जा रहा है.
देश के बाकी राज्यों में कैसे होता है धर्म परिवर्तन?
देश को 8 राज्यों में पहले से स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन को लेकर कानून मौजूद हैं. यह राज्य ओडिशा, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और झारखंड हैं.
उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन को लेकर क्या कानून है?
उत्तर प्रदेश सरकार ने जबरन अंतरधार्मिक शादी रोकने के लिए कानून बनाया था. इसे गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक-2020 नाम दिया गया. इसमें जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वालों को लिए कड़ी सजा का प्रवाधान किया गया है. इसके मुताबिक जबरन धर्म परिवर्तन करवाना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है.
इसमें अलग अलग मामलों के लिए अलग अलग सजा का प्रवाधान किया है. जैसे धर्म छिपाकर शादी करने पर 10 साल तक की सजा, नाबालिग या अनुसूचित जाति या जनजाति की लड़की का धर्म परिवर्तन करवाने पर 10 साल तक की सजा, 25 हजार तक जुर्माना और गैरकानूनी सामूहिक धर्म परिवर्तन करवाने पर 50 हजार तक जुर्माना, 3 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है.
स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के लिए क्या करना होगा?
उत्तर प्रदेश सरकार ने गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक-2020 में अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करना वालों के लिए प्रक्रिया तय की है. इसके तहत धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को दो महीने पर अपने जिले डीएम को जानकारी देनी होगी.
इसके साथ ही उन्हें यह भी बताना होगा कि वे बिना किसी लालच, डर और बहकावे में आए वे धर्म परिवर्तन कर रहे हैं. ऐसा ना करने पर धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को दोषी माना जाएगा. इसके लिए कानून में 6 माह से 3 साल तक की सजा का प्रावधान है.
धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को संबंधित अधिकारी के सामने घोषणा करनी होगी कि वह बिना किसी लालच, डर, प्रभाव , प्रपीड़न, बिना जोर जबरदस्ती, बिना किसी छल कपट के धर्म परिवर्तन कर रहा है. इसके साथ ही उसे यह भी बताना होगा कि यह सिर्फ शादी के उद्देश्य से नहीं किया जा रहा है.
देश के बाकी राज्यों में कैसे होता है धर्म परिवर्तन?
देश को 8 राज्यों में पहले से स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन को लेकर कानून मौजूद हैं. यह राज्य ओडिशा, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और झारखंड हैं.
इन राज्यों में लागू कानून में धर्म परिवर्तन से पहले कलक्टर को सूचना देने, स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन से जुड़ा हलफनामा देने जैसे प्रावधान हैं. धोखा देकर या प्रलोभन या धमकी के जरिए कराए गए धर्म परिवर्तन को भी कानूनन अपराध मानकर दंड का प्रावधान किया गया है.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
राजस्थान
बॉलीवुड
आईपीएल
Advertisement


नयन कुमार झाराजनीतिक विश्लेषक
Opinion