लखनऊ: यूपी के संतकबीर नगर जिले में निकाय चुनाव को शांतिप्रिय तरीके से संपन्न कराने को लेकर पुलिस ने दंगा नियंत्रण अभ्यास किया. लेकिन इस अभ्यास के दौरान पुलिस की बंदूकें दगा दे गई. जिन बन्दूकों पर पुलिस को भरोसा और गुमान था वो दगा दे गईं. एक तरफ जहां पुलिस को हाईटेक बनाने के लिए आधुनिक असलहों से लैस करने की तैयारी की बात की जा रही है तो वहीं संतकबीरनगर के पुलिस सालों से पुराने खटारे असलहों के भरोसे हैं.


दरअसल एसपी हेमराज मीणा के नेतृत्व में हुए दंगा नियंत्रण अभ्यास के दौरान जिन एंटी रायट गन और टियर गैस गन का इस्तेमाल किया गया उनमें से ज्यादातर बंदूकें वक्त पर काम ही नहीं आईं. बता दें कि पुलिस लाइन खलीलाबाद में आयोजित इस अभ्यास के दौरान जिन पुलिस अफसरों की बन्दूकों से गोलियां नहीं निकलीं, उनमें शहर कोतवाल वीरेंद्र बहादुर सिंह, महिला थानाध्यक्ष अनीता यादव और चौकी इंचार्ज लोहरैया ऋषिकेश मणि त्रिपाठी के अलावा धनघटा थानाध्यक्ष प्रदीप सिंह के हमराही जवान की बन्दूकों से गोलियां नहीं निकलीं.


अभ्यास के दौरान गनीमत यह रही कि एसपी हेमराज मीणा और एडिशनल एसपी असित श्रीवास्तव की बन्दूकों ने दगा नहीं दी और पुलिस की कुछ लाज बच गई. इस पूरे मामले पर संतकबीरनगर के एसपी हेमराज मीणा ने कहा कि अधिक समय तक जिन बंदूकों का उपयोग नहीं हुआ रहता है उनमें इस तरह की दिक्कतें आती हैं. इसको दूर करने के लिए ही इस तरह का अभ्यास कराया जाता है. उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव को हिंसा मुक्त बनाने के लिए पुलिसकर्मियों ने इस तरह  की ट्रेनिंग ली.