लखऩऊ: उत्तर प्रदेश में होमगार्ड्स के वेतन घोटाले के सामने आने के बाद शासन अब अलर्ट मोड पर है. घोटाले को ध्यान में रखते हुए फिलहाल होमगार्डों का सितम्बर और अक्टूबर के पेमेंट को रोका दिया गया है. दोबारा वेरिफिकेशन बाद ही उनका पेमेंट होगा. होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि इस मामले में दो जगह गौतमबुद्ध नगर औऱ लखनऊ में अबतक 6 गिरफ्तारी हुई है. उन्होंने बताया कि पिछले 12 दिन से गौतमबुद्धनगर में जांच चल रही है. हमारे वरिष्ठ अधिकारी जांच कर रहे है, जिन्हें भी दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.


प्रमुख सचिव (होमगार्ड्स) अनिल कुमार ने बताया, "गौतमबुद्धनगर और लखनऊ में हुई अनियमिताओं के बाद से शासन अच्छा खास सर्तक हो गया है. अब आगे की प्रक्रिया को सुरक्षात्मक बनाते हुए एरियर भुगतान की प्रक्रिया को फुलप्रूफ बनाया जा रहा है. अभी एरियर भुगतान के लिए विभाग के पास बजट भी नहीं है. बजट प्राप्त होने से पहले ही भुगतान की प्रक्रिया के बारे में शासनादेश जारी कर दिया जाएगा. यह शासनादेश तीन-चार दिनों में जारी हो सकता है."


बता दें कि सुप्रीमकोर्ट ने आदेश दिया है कि होमगार्डो को पुलिसकर्मियों के न्यूनतम वेतन के बराबर भुगतान का आदेश दिया था. होमगार्डो को पहली दिसंबर, 2016 से 30 सितंबर, 2019 तक का एरियर दिया जाना है.


उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश से बढ़े हुए वेतन के एरियर भुगतान करने से पहले उसकी प्रक्रिया निर्धारित करने पर मंथन किया जा रहा है. जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी किया जाएगा.


अन्य जिलों में भी होगी जांच


होमगार्ड विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार का कहना है, "अभी नोएडा में इस तरह की गड़बड़ी की सूचना मिली है. हो सकता है कि अन्य जिलों में भी इस तरह के मामले हों, जरूरत पड़ने पर अन्य जिलों की भी जांच कराई जाएगी."


उन्होंने बताया कि डीजी होमगार्ड के सीनियर स्टाफ अफसर सुनील कुमार, मिर्जापुर के वरिष्ठ जिला कमांडेंट शैलेंद्र प्रताप सिंह और बागपत की जिला कमांडेंट नीता भारती को जांच के लिए नोएडा भेजा गया है.


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