Uttar Pradesh: यूपी के शाहजहांपुर (Shahjahanpur) से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां 70 वर्षीय एक बुजुर्ग  सरकारी रिकॉर्ड में "मृत" घोषित किए जाने के बाद पिछले एक साल से अधिकारियों को यह साबित करने के लिए संघर्ष कर रहा है कि वह वास्तव में जीवित है. मामला शाहजहांपुर के तिलहर के फतेहपुर गांव का है. यहां रहने वाले ओम प्रकाश के मुताबिक वह खुद को जिंदा साबित करने के लिए पिछले एक साल से दर-दर भटक रहे हैं. ओम प्रकाश के मुताबिक चूंकि उन्हें सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है इस कारण उन्हें वृद्धावस्था पेंशन से भी वंचित कर दिया गया है.


ओम प्रकाश ने शनिवार को एक वरिष्ठ अधिकारी के सामने अपना दर्द बयां करते हुए कहा था, "चूंकि मैं सरकारी रिकॉर्ड में मर चुका हूं, मैं बैंक से पैसे भी नहीं निकाल सका. मेरी गन्ने की फसल प्रभावित हुई है क्योंकि मैं पैसे की कमी के कारण इसकी सिंचाई नहीं कर सका. अब, कोई भी मेरी मदद नहीं कर रहा है."


खेती के लिए बैंक अकाउंट से पैसे भी नहीं निकाल पाए
ओम प्रकाश ने कहा कि करीब एक साल पहले उन्हें सरकारी रिकॉर्ड में "मृत" घोषित किया गया था और जब वह बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन विड्रॉ करने गए, तो उन्हें बताया गया कि उनकी मृत्यु हो गई है.उन्होंने कहा, "मैं अपने गन्ने की खेती के लिए एक चीनी मिल से बैंक खाते में मिले पैसे भी नहीं निकाल सका."


तिलहर तहसीलदार ने पीड़ित के गांव टीम भेजने की बात कही
वहीं तिलहर तहसीलदार (राजस्व अधिकारी) ज्ञानेंद्र सिंह ने पीटीआई को बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है और वह इसकी जांच के लिए ओम प्रकाश के गांव में एक टीम भेजेंगे. उन्होंने कहा, "अगर ओम प्रकाश रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया है, तो इस गलती में सुधार किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी."


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