नई दिल्ली: फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में जीत से उत्साहित समाजवादी पार्टी (एसपी) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी का सूरत अस्त होना शुरू हो चुका है. योगी आदित्यनाथ की सरकार के एक साल पूरे होने पर आयोजित एबीपी न्यूज़ के शिखर सम्मेलन कार्यक्रम में पहुंचे अखिलेश ने कहा कि बीजेपी की हार के बाद मुख्यमंत्री की भाषा बदल गई है.


योगी आदित्यनाथ के हिंदू वाले बयान का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा, ''सदन में वो कहते हैं कि मैं हिंदू हूं. अब नहीं बोल रहे हैं. क्या वो चुनाव के लिए हिंदू थे. हम भी 'बैकवर्ड हिंदू' हैं.'' उन्होंने कहा कि हमें उनके झूठ पर हंसी आती है. वो कहते हैं कि पहला एक्सप्रेस वे हमने बनवाया. वो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को भूल गये.


'पहले CM जो संविधान को नहीं मानते हैं'


अखिलेश यादव ने कहा कि योगी आदित्यनाथ पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो संविधान को नहीं मानते हैं. उन्हें समाजवादी शब्द से सख्त आपत्ति है. संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद का जिक्र है. संविधान कहता है कि समाजवादी कार्यक्रम लागू किया जाए. अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा, ''ऐ अच्छी बात है कि उन्हें लाल टोपी से दिक्कत नहीं है. क्योंकि हमने उन्हें चुनाव में हरा दिया.''


SP-BSP गठबंधन पर बातचीत होगी


उपचुनाव परिणाम में एसपी-बीएसपी गठबंधन का फॉर्मूला सफल रहने पर अखिलेश ने कहा कि आगे भी गठबंधन पर बातचीत जारी रहेगी. पार्टी कार्यकर्ता भी चाहते हैं कि गठबंधन हो.


अखिलेश यादव ने डॉ भीमराव अंबेडकर और राम मनोहर लोहिया का जिक्र करते हुए कहा कि जब हम दोनों नेता को पढ़ते हैं तो ऐसा लगता है कि दोनों नेता चाहते थे कि समाज और देश के हित में है कि मिलकर साथ काम करें.


अखिलेश ने कहा, ''नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने भी प्रयास किया. देश की ताकतें नहीं चाहती थी की ऐसा हो. गठंबंधन टूटा भी. हमें एक बार फिर मौका मिला है कि हम एक हों. उपचुनाव में गठबंधन था लेकिन हमारी कोशिश है कि हम आगे लेकर चलें. एक साथ कैसे बैठें इसकी कोशिश होती रहेगी.''


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उन्होंने मुलायम सिंह यादव के समय एसपी-बीएसपी का झगड़ा हुआ (गेस्ट हाउस कांड). तब कई ताकतें नहीं चाहती थी की यह गठबंधन रहे. हमारा किसी से झगड़ा नहीं है. जहां तक साथ काम करने की बात है तो हमने हमेशा सम्मान दिया है.


उन्होंने कहा, ''एसपी-बीएसपी गठबंधन देश को राजनीतिक रूप से एक अलग रास्ता दिखा सकती है. महान नेता लोहिया-अंबेडकर की विचारधारा को आगे बढ़ा सकती है.'' हालांकि अखिलेश ने एक अलग परिप्रेक्ष्य में कहा कि हम समाजवादी हैं हमारी साइकिल दो पहिए क्या एक पहिए से भी चल सकती है. हमें मायावती जी से कोई नाराजगी नहीं है.



राज्यसभा चुनाव में भ्रष्टाचार का अंदेशा जताते हुए अखिलेश ने कहा कि संख्याबल नहीं होने के बावजूद बीजेपी ने अधिक उम्मीदवार उतारे. वो चाहती है कि भ्रष्टाचार हो. हम कहते हैं बीजेपी को ज्यादा प्रत्याशी को नहीं लड़ाना चाहिए.


'कांग्रेस से नाराजगी नहीं'


उपचुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने पर अखिलेश ने कहा कि हमारी कांग्रेस से कोई नाराजगी नहीं है. हम कांग्रेस को साथ रखेंगे. हमारे संबंध खराब नहीं रहे. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने पर नेताजी नाराज हुए थे.


जब अखिलेश से पूछा गया कि आपके पिता मुलायम सिंह यादव की बीएसपी से गठबंधन पर क्या राय है तो उन्होंने कहा, 'पिछले दिनों जब हमारे नेता जीतकर सदन (संसद) गये तो हमारे सभी नेता के सिर पर लाल टोपी थी, नेताजी के सिर पर भी लाल टोपी (समाजवादी पार्टी की टोपी) थी, वो खुश थे.


लालू यादव का बचाव


विपक्षी दलों को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा निशाना बनाए जाने के विपक्ष के दावों पर उन्होंने कहा कि हमने चोरी नहीं की है और हमें इससे डर भी नहीं लगता है.


उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ''सीबीआई क्लब में हम रह चुके हैं. इसलिए डर खत्म है. कांग्रेस के शासनकाल में हमारे और डिंपल के खिलाफ जांच हुई. बीजेपी भी करा ले. जब चोरी नहीं की तो कोई फर्क नहीं पड़ता है.''


अखिलेश यादव ने कहा, ''बिहार के चारा घोटाला पर मैं कह सकता हूं कि लालू यादव के साथ अन्याय हुआ है. पूरा देश यह समझ रहा है. जिन्होंने बैंक खाली कर दी (नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या आदि) वो बचा हुआ है, भाग गये. सरकार बैंक लूटने वालों की सूची नहीं दे रही है.''


नोटबंदी-जीएसटी


अखिलेश यादव ने नोटबंदी-जीएसटी का जिक्र करते हुए कहा कि इससे भ्रष्टाचार कम नहीं अधिक तेजी से फैला. जीएसटी की वजह से आम व्यापारियों को तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि 15000 से अधिक उद्योगपति बाहर चले गये. जीएसटी इसलिए लागू किया गया क्योंकि विदेशी कंपनियों को लाभ दिया जा सके.


अखिलेश ने कहा, ''हम जिस सरकार में साथ रहेंगे जीएसटी को सिंपल बनाने का काम करेंगे. व्यापारियों को नुकसान न हो. व्यापारियों को जेल नहीं भेजा जाना चाहिए.''


परिवारवाद पर क्या कुछ बोले अखिलेश


समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि वो (बीजेपी) मेरी पार्टी पर परिवारवाद का आरोप लगाते हैं कहते हैं लेकिन उन्हें अपना परिवारवाद नहीं दिखता है. योगी आदित्यनाथ को भी परिवारवाद की वजह से मठ मिला. कोई और भी मठ प्रमुख बन सकता था.


अखिलेश ने समाजवादी पार्टी में वर्चस्व को लेकर हुए पारिवारिक झगड़े पर कहा कि परिवार में सबकुछ ठीक है. झगड़ा तब तक था जबतक कुर्सी थी. जब अब कुर्सी नहीं है तो झगड़ा भी नहीं है. उन्होंने गठबंधन बनने पर झगड़े को लेकर कहा कि जब अपने परिवार के झगड़े को झेल लिया थो गठबंधन में झगड़े के बाद रास्ता निकाल लिया जाएगा. हमने बहुत कुछ सीखा है.


योगी सरकार के एक साल


अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कोई काम नहीं हुआ. एक भी काम नहीं जिसे हम गिना साकते हैं. किसानों की कर्जमाफी का वादा किया गया, कर्जमाफी नहीं हुई. जाति-धर्म के नाम पर जहर घोलकर सत्ता में आ गये.


उन्होंने कहा कि अपराध बढ़ रहे हैं. हापुड़ में हमारे नेता को मारा गया. ये कल्पना नहीं कर सकते थे. कासगंज में दंगे हुए. मथुरा में एनकाउंटर में बच्चे को गोली मार दी गई.