बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत के रहने वाले शिव कुमार अपनी मोटरसाइकिल से 20 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करके हर दिन राजीव गांधी अस्पताल आते थे और कोरोना वायरस रोगियों को खाना खिलाते थे और उनके दुख साझा करते थे. 19 साल के कुमार सबसे कम आयु के कर्मचारी बने, जिन्हें कोरोना वायरस टीका लगाया गया. कुमार एक किसान के बेटे हैं और उन्होंने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 रोगियों की सेवा की. अस्पताल के टीका केंद्र में टीका लगवाने के बाद वह गर्व से मुस्करा रहे थे.
मेरठ के एक निजी विश्वविद्यालय से दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से स्नातक की पढ़ाई कर रहे कुमार का कहना है कि उन्होंने यह जानने के बावजूद राजीव गांधी सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल (आरजीएसएसएच) में गत अप्रैल में मल्टी-टास्किंग स्टाफ की नौकरी की थी कि उन्हें ‘‘कोविड ड्यूटी में लगाया जाएगा.
मैं वायरस से बिल्कुल भी डरता नहीं था- कुमार
कुमार ने कहा, ‘‘मैं वायरस से बिल्कुल भी डरता नहीं था, मुझे लॉकडाउन से भी डर नहीं लगता था. मेरे परिवार ने मुझे कोई काम करने के लिए नहीं कहा था लेकिन मैं हाईस्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद घर पर नहीं बैठना चाहता था. इसलिए, जब मेरे चाचा ने मुझे इस अस्पताल में नौकरी के अवसर के बारे में बताया तो मैंने इस अवसर को सहजता से लिया’’
मुझे टीका लगवाने का कोई डर नहीं है- कुमार
आरजीएसएसएच प्रवक्ता छाया गुप्ता ने कहा, ‘‘कुल 65 लाभार्थियों में से वह (शिव कुमार) हमारे अस्पताल के केंद्र में टीका लगवाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं.’’कुमार से जब यह पूछा गया कि क्या उन्हें टीकाकरण से डर था, क्योंकि कई लोग इसकी प्रभावशीलता और सुरक्षा के बारे में आशंका जता रहे हैं, तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसका कोई डर नहीं है.’’
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