लखनऊ: समाजवादी पार्टी (SP) से अपनी राहें जुदा करके प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) बनाने वाले पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) ने कहा है कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के कहने पर ही उन्होंने अलग पार्टी बनाई थी. उन्होंने कहा कि अगर मुलायम सिंह यादव आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ हैं तो भी वह अब पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे.
शिवपाल ने रविवार को जिले के सहतवार क्षेत्र में संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा कि उन्होंने मुलायम के ही कहने पर प्रसपा बनाई थी. मुलायम आज अखिलेश के साथ क्यों खड़े हैं, इसका जवाब वह ही दे सकते हैं. मगर इतना तय है कि अब वह पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे. उनकी पूरी कोशिश डॉक्टर राम मनोहर लोहिया, चौधरी चरण सिंह और गांधीवादी लोगों को एकजुट करके पार्टी को मजबूत करने की है.
उनसे पूछा गया था कि सपा संस्थापक मुलायम इन दिनों उन्हें छोड़कर अखिलेश के कार्यक्रमों में शिरकत करने लगे हैं. क्या मुलायम ने उनके साथ धोखा किया है? शिवपाल ने कहा कि उन्होंने मुलायम का हमेशा सम्मान किया और उनकी हर बात मानी. मुलायम की बात को तवज्जो नहीं देने के कारण ही सपा में विघटन हुआ. इसी कारण सपा की दोबारा सरकार नहीं बनी, नहीं तो अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बनते.
पिछले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले शिवपाल और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के संबंधों में कटुता आ गई थी. जिसके बाद पार्टी दो गुटों में बंट गई थी. जब रार नहीं थमी तो बाद में शिवपाल यादव ने सपा से किनारा करते हुए अलग दल बना लिया.
शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि हमारी पार्टी का अगला टारगेट 2022 विधानसभा चुनाव है. प्रसपा विधानसभा चुनाव में एक बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. वहीं घर वापसी के सवाल पर उन्होंने बड़ी सहजता के साथ जवाब देते हुए कहा था कि बढ़े हुए कदम वापस नहीं लौटते हैं. हमारी पार्टी बहुत आगे निकल चुकी है, हमारा संकल्प समाज की सेवा करना है उसी दिशा में काम कर रहे है. इसके साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव की तैयारी करने का भी संदेश दिया था.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के साथ गठबंधन का प्रयोग फेल होने के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि विधानसभा चुनावों में पार्टी अकेले उतरेगी. उन्होंने कहा, ''2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी किसी भी दल से समझौता नहीं करेगी और अकेले ही चुनाव लड़ेगी.''
चाचा शिवपाल यादव के पार्टी में शामिल होने या उनकी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से समझौते के बारे में पूछे गए सवालों पर पहले तो उन्होंने टालमटोल की लेकिन बाद में उन्होंने कहा था कि इस बारे में वह फिलहाल कुछ नहीं बोलना चाहते हैं और सही वक्त आने पर ही इस पर कोई जवाब देंगे.
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