UP: इस जिले में एक साल से प्रधान बनी हुई थी पाकिस्तान की महिला, जांच के बाद प्रशासन में मचा हड़कंप
महिला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया गया है. आरोपी बानो बेगम का आधार कार्ड, वोटर कार्ड जैसे फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने वालों पर भी जिला प्रशासन कार्रवाई की तैयारी में है.
एटाः क्या आप यकीन कर पाएंगे कि यूपी के एटा जिले में एक पाकिस्तानी महिला प्रधान की मौत के बाद करीब एक साल से कार्यवाहक प्रधान बनी हुई थी. प्रशासन से लेकर सरकारी एजेंसियों को भी इस बात की खबर नहीं लगी. जब किसी से इस बात की शिकायत दर्ज कराई, तो जांच में यह बात सही निकली. इस खबर से प्रशासन में हड़कंप मच गया और आरोपित महिला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया गया है. मामला एटा जिले के जलेसर थाने का है.
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जलेसर तहसील क्षेत्र में गुदाऊ गांव में 2015 में पंचायत चुनाव हुए थे. तब इस गांव की प्रधान शहनाज बेगम को चुना गया था. वहीं पाकिस्तानी महिला बानो बेगम ने अपनी नागरिकता छिपाते हुए फर्जी तरीके से ग्राम पंचायत के सदस्य का चुनाव लड़ा था. चौंकाने वाली बात यह है कि बानो की इस चुनाव में जीत भी हो गई. जनवरी 2020 में इस गांव की प्रधान शहनाज बेगम की मौत हो गई और पाकिस्तानी महिला बानो बेगम को कार्यवाहक ग्राम प्रधान चुन लिया गया और तब से ये पाकिस्तानी महिला पूरे गांव की प्रधान बनकर कार्य कर रही थी.
कैसे हुआ मामले का खुलासा
इसी गाव के रहने वाले कुवेदान खान ने 10 दिसम्बर 2020 को इस मामले की शिकायत एटा के जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक प्रियदर्शी से की, तो इस मामले की विस्तृत जांच कराई गई. जांच में शिकायत सही पाई गई और इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने ग्राम पंचायत सचिव ध्यान पाल सिंह को इस पाकिस्तानी महिला के खिलाफ तत्काल रिपोर्ट दर्ज करवाने के आदेश दिए.
क्या है महिला की हिस्ट्री
बानो बेगम का जन्म 1968 में आगरा जिले में हुआ था, लेकिन कुछ दिनों बाद उसका परिवार पाकिस्तान चला गया था. वह 41 साल पूर्व पाकिस्तान से एटा रिश्तेदारी में आई थी और यहां अख्तर अली से निकाह कर लिया. तब से लॉन्ग टर्म वीजा को एक्सटेंड करवाकर यहीं रह रही है. बानो बेगम का आधार कार्ड, वोटर कार्ड आदि फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने व करने वालों पर भी जिला प्रशाशन कार्यवाही की तैयारी में है.
कार्यवाहक प्रधान के रूप में प्रस्ताव की संस्तुति करने वाले तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव ध्यान पाल सिंह और सहायक विकास अधिकारी पंचायत के माध्यम से हुए प्रस्ताव के कारण इन दोनों अधिकारियों पर भी कार्यवाही की तलवार लटक रही है. सूत्रों के अनुसार इस पूरे मामले में सबसे बडी भूमिका गुदाऊ के ही रहने वाले अमीर हसन की बताई जा रही है जो ग्राम का रोजगार सेवक है और मृत ग्राम प्रधान शहनाज बेगम का देवर है. सूत्रों के अनुसार इसी ने मृत ग्राम प्रधान शहनाज बेगम के बाद प्रॉक्सी पॉलिटिक्स के तहत ग्राम प्रधानी की बागडोर अपने हाथों और परिवार में ही रखने के लिए बानो बेगम को कार्यवाहक ग्राम प्रधान बनवाया था.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस मामले में एटा के जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक प्रियदर्शी ने बताता इस मामले में एफआईआर कराने के आदेश दे दिए गए हैं. ऑनलाइन आईजीआरएस के तहत यह शिकायत हुई थी, जिसपर प्रारंभिक जांच कराने के बाद एफआईआर के आदेश दिए गए हैं. वर्तमान में इस महिला ने त्याग पत्र दे दिया है और ग्राम प्रधानों का कार्यकाल भी समाप्त हो गया है. इस मामले में तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव और एडीओ पंचायत सहित जिन्होंने प्रस्ताव को अग्रसारित किया, प्रस्ताव पास किया वो भी कार्यवाही के दायरे में आएंगे और जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.
उन्होंने बताया कि बानो बेगम के कार्यवाहक प्रधान बनाने के लिए ग्राम पंचायत की बैठक हुई थी. बैठक में सर्व सम्मति से बानो के नाम का प्रस्ताव आया था. इसमें ग्राम पंचायत सदस्यों की बैठक होती है. ग्राम पंचायत सदस्य ही इस प्रस्ताव को पारित करते हैं. अगर कोई गलत प्रस्ताव पारित होता है तो उसमें ग्राम पंचायत सदस्यों की ही जिम्मेदारी होती है.