नई दिल्लीः देशभर में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से 5 राज्यों में ही 5000 से ज्यादा वैक्सीन की बर्बादी हुई है. पांच राज्यों के डेटा से पता चलता है कि अकेले त्रिपुरा में 10 फीसदी से ज्यादा वैक्सीन वेस्ट हुई हैं. वैक्सीन के वेस्ट होने कारण काफी हद तक वैक्सीन  की शीशियों को खोलने के बाद पर्याप्त मात्रा में लाभार्थियों का नहीं मिलना है. इन शीशियों को खोलने के चार घंटे के भीतर इस्तेमाल करना होता है.


त्रिपुरा के टीकाकरण अधिकारी डॉ. कल्लोल रॉय का कहना है कि “अब तक कुल 1,623 वैक्सीन डोज या 11 फीसदी वैक्सीन बर्बाद हुई हैं क्योंकि कई लाभार्थी टीकाकरण के दौरान उपलब्ध नहीं थे और सीरिंज में डालने के दौरान भी ड्रॉपलेट्स गिर जाती हैं. इसके साथ ही हमें चार घंटे के भीतर शीशी का उपयोग करना होता है.” अथॉरिटीज ने वैक्सीन की बर्बादी रोकने के लिए वैक्सीनेटर्स को उन लोगों को भी वैक्सीन लगाने की अनुमति दी है जो उस दिन के शेड्यूल में शामिल नहीं हों.


वैक्सीन की बर्बादी रोकने के लिए राज्यों को दिए दिशा-निर्देश
कोविड-19 पर गुरुवार को ब्रीफिंग के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने वैक्सीन के वेस्ट होने पर कहा कि “जब हमने कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया देशभर में 10 फीसदी वैक्सीन की बर्बादी का अनुमान लगाया. हमने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को बहुत विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि कैसे टीकों की बर्बादी से बचा जाए. हमने अपने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म को अधिक लचीला बनाया है और हमने साइट पर टीकाकरण सेशन को संभाल रहे लोगों को अनुमति दी है कि निर्धारित सौ लोगों के अलावा डेटाबेस में शामिल अतिरिक्त लोगों को भी ऐसी स्थिति में जोड़ा जा सकता है. ” उन्होंने कहा कि मंत्रालय के विश्लेषण के बाद डेटा शेयर किया जाएगा.

पंजाब और बिहार में 10 फीसदी से कम बर्बाद हुई वैक्सीन
पंजाब में कोविड -19 के लिए राज्य नोडल अधिकारी डॉ. राजेश भास्कर के अनुसार 1,200 डोज वेस्ट हुए हैं. यह संख्या 10 फीसदी से कम है. राज्य में सप्ताह में चार दिन टीकाकरण होता है.


बिहार में स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी कहा कि वैक्सीन का वेस्टेज अब तक 10 फीसदी की सीमा के भीतर है. पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) में जहां पिछले हफ्ते 25 फीसदी तक वेस्टेज हुआ था और अब कम हो रहा है. पटना में नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. बिनोद कुमार सिंह ने कहा, "कोवैक्सीन के मामले में एक समय में 20 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जुटाना मुश्किल है, क्योंकि अस्पताल के कामकाज को बाधित नहीं किया जाना चाहिए." बिहार में कुल 301 सेशन साइट में से 295 कोल्डशील्ड दी जा रही थी.


कई राज्यों में नहीं हुई कोई वैक्सीन वेस्ट
उत्तराखंड के टीकाकरण अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा कि 4.1 फीसद डोज बर्बाद हुई हैं जिनकी संख्या लगभग 14,500 के करीब हैं. वहीं, ओडिशा में 0.58 फीसदी डोज बर्बाद हुई. झारखंड, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, केरल और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार कोई वैक्सीन डोज वेस्ट नहीं हुई.


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