नई दिल्ली: क्या पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार बाहुबली मुख्तार अंसारी को बचा रही है? यह सवाल मंगलवार को फिर सुप्रीम कोर्ट में उठेगा. कोर्ट मुख्तार को भेजने में पंजाब सरकार की आनाकानी के खिलाफ उत्तर प्रदेश की याचिका पर सुनवाई करेगा.
यूपी सरकार का कहना है कि उसके यहां के विशेष MP/MLA कोर्ट में मुख्तार के खिलाफ 10 गंभीर मामलों की सुनवाई सिर्फ इसलिए रुकी हुई है क्योंकि पंजाब 2 साल से उसे वापस नहीं भेज रहा. पिछले हफ्ते कोर्ट ने पंजाब सरकार के वकील दुष्यंत दवे के आग्रह पर सुनवाई मंगलवार तक के लिए टाल दी थी.
क्या है मामला?
यूपी सरकार ने याचिका में कहा है कि 2019 में एक मामूली केस में पेशी के लिए मुख्तार को यूपी की बांदा जेल से पंजाब के रोपड़ ले जाया गया था. तब से वह वहीं है. यूपी पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी रोपड़ जेल सुपरिटेंडेंट उसे भेजने से मना करते रहे हैं. यूपी की अलग-अलग अदालतों से जारी समन को रोपड़ जेल भेजा जाता है. लेकिन जेल अधिकारी मुख्तार का स्वास्थ्य खराब बता कर उसे यूपी नहीं भेजते.
पंजाब सरकार ने कोर्ट में दाखिल जवाब में कहा कि मुख्तार हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, पीठ के दर्द, त्वचा की एलर्जी और डिप्रेशन जैसी बीमारियों से जूझ रहा है. डॉक्टरों ने उसे आराम की सलाह दी है. इस वजह से अभी उसे यूपी नहीं भेजा जा सकता है. पंजाब सरकार ने यूपी की याचिका खारिज करने की भी मांग की है. उसकी दलील है कि उत्तर प्रदेश सरकार का इस मामले में याचिका दाखिल करने का कोई आधार नहीं है.
जहां पंजाब सरकार यूपी की याचिका खारिज करने की मांग कर रही है, वहीं मुख्तार अंसारी ने भी यूपी में दर्ज सभी मुकदमों को पंजाब ट्रांसफर करने की मांग की है. उसका कहना है कि यूपी में उसकी जान को खतरा हो सकता है.
यूपी का नया हलफनामा
यूपी सरकार ने मामले में नया हलफनामा दायर कर कहा है कि बांदा जेल सुपरिटेंडेंट ने बिना प्रयागराज के MP/MLA कोर्ट की अनुमति लिए मुख्तार को पंजाब पुलिस को सौंप दिया था. मोहाली की कोर्ट में पेशी के बाद मुख्तार को वापस नहीं भेजा गया. रोपड़ जेल में रख दिया गया. MP/MLA कोर्ट कई बार पेशी के लिए वारंट जारी कर चुका है. मोहाली मामले में 2 साल से चार्जशीट जमा नहीं हुआ. फिर भी मुख्तार वहां ज़मानत नहीं मांग रहा है. इससे दोनों की मिलीभगत साफ दिख रही है.
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार की है कि वह न्याय के हित में अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल करे और मुख्तार को वापस यूपी भेजने का आदेश दे. हलफनामे में यह भी कहा गया है कि यूपी में मुख्तार की जान को खतरे की आशंका गलत है. राज्य में उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट मोहाली में दर्ज केस को भी प्रयागराज ट्रांसफर कर दे.
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