पीलीभीतः कानून- व्यवस्था का जिम्मा उठाने वाली पुलिस अब पर्यावरण का भी जिम्मा उठा रही है. पराली जलने से हो रहे वातावरण में प्रदूषण को लेकर जहां किसानों के पर कार्यवाही हो रही है तो वहीं सम्बंधित बीट सिपाही व थानाध्यक्ष की जबाबदेही तय हो रही है. इसलिए अब पीलीभीत पुलिस खेतों व गांवों को जाकर स्वच्छ पर्यावरण व पराली प्रबंधन को लेकर जागरूक कर रही है.
पुलिस अब गांवों के खेतों में घूम-घूम कर किसानों को पराली न जलाने की अपील कर रही है. साथ ही पराली प्रबंधन का भी पाठ पढ़ा रही है. दरअसल, पीलीभीत जनपद में पराली जलाने वालों को रोकने के लिए बनाई गई टीम में पुलिस को भी सम्मिलित किया गया है. अब पुलिस को भी गांव-गांव जाकर किसानों को पराली जलाने से रोकने का काम दिया गया है.
जिलाधिकारी ने कुछ दिन पहले ही की थी निलंबन की कार्रवाई
कुछ दिन पहले पराली जलाने पर जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लेखपाल, सचिव से लेकर संबंधित पुलिस के चौकी प्रभारी, बीट प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. जिसको लेकर अब पुलिस भी पराली जलाने वाले किसानों को पराली जलाने से रोक रही है. थानाध्यक्ष से लेकर बीट सिपाही खेतों की खाक छान रहे हैं. साथ ही थानों में भी किसानों को इकट्ठा करके लोगो से अपील करती नजर आ रही है और पराली प्रबंधन के तरीके भी बता रही कि कैसे किसान पराली को खाद में परिवर्तित करें.
पुलिस के अनुसार, इसके नतीजे भी अच्छे आ रहे हैं. पिछले वर्षों में जहां सैकड़ों किसानो पर एफआईआर दर्ज हुई थीं और किसानों को जेल की हवा खानी पड़ी थी. वहीं इस वर्ष मात्र 8 एफआईआर ही दर्ज हुई हैं.
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