नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्ष 2012 में सभी आवंटन रद्द करने का हवाला देते हुए जेटली ने कहा कि तथ्य यह है कि यूपीए की नीति गलत और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली थी, इसे उच्चतम न्यायालय ने भी माना है. उन्होंने कहा कि आवंटन मनमाने और अनुचित तरीके से दिए इसलिए उन्हें रद्द किया गया. शीर्ष अदालत के आदेश पर ही आपराधिक मामला शुरू हुआ.


जेटली ने कहा, ‘‘ इनका (कांग्रेस का) भ्रष्टाचार का इतिहास रहा है. तथ्यों ने यह साबित किया है. कांग्रेसी नेता आदेश को सम्मान के तमगे और प्रमाण पत्र के तौर ले रहे हैं, यह बताने के लिए 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन नीति एक ईमानदार नीति थी.’’ जेटली ने पूर्व दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल के आवंटन में ‘शून्य नुकसान’ के दावे को भी खारिज करते हुए कहा बाद की भाजपा नीत राजग सरकार द्वारा आवंटन में इससे वर्ष 2015 में 1.10 लाख करोड़ रुपये आए और 2016 में 66,000 करोड़ रुपये आए थे. सिब्बल ने निचली अदालत का आदेश आने के बाद भाजपा पर नए सिरे से हमला बोला है.


वित्त मंत्री ने कहा कि संप्रग सरकार ने प्रत्येक लाइसेंस का मूल्य 1,734 करोड़ रुपये तय किया था. मनमोहन सिंह सरकार पर हमला बोलते हुए जेटली ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2001 के मूल्य पर 2007-08 में लाइसेंस दिए और नीति को लागू करने में ‘मनमानी का एक बड़ तत्व’ शामिल था.