पटना: राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में कुशवाहा ने सुशील मोदी से चार दिनों के अंदर मिलने की बात लिखी है.


गौरतलब है कि बीते 25 नवंबर को बिहार शिक्षा व्यवस्था को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा ने पटना में पांच दिनों तक आमरण अनशन किया था. उन्होंने अनशन पर बैठने की वजह बिहार में केंद्रीय विद्यालय खोले जाने को लेकर सरकार के सुस्त रवैया बताया था. सुशील मोदी नीतीश पर हो रहे हमले की बचाव में कवच बन कर आए थे. अब आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा ने उन्हें घेर लिया है.


सुशील मोदी के ट्वीट कर याद दिलाया-


उपेन्द्र कुशवाहा ने चिट्ठी में लिखा, '' आपने ट्वीट कर के मुझ पर आरोप लगाया कि पांच साल शिक्षा मंत्री रहते भी मैं केंद्रीय विद्यालय नहीं खुलवा सका. जबकि मैंने 10, दिसंबर 2018 को ही मंत्रीपरिषद से इस्तीफा दे दिया था और एनडीए से अलग भी हो गया. आपने मेरे अनशन को क्लाइमैक्स बताया था. आपके आरोपों पर मैंने आपसे कहा था कि मैं केंद्रीय विद्यालय खुलवाना चाहता था लेकिन आपके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने बच्चों की बेहतर शिक्षा के बजाय अपने सियासी नफा-नुकसान का खयाल रखा ''.


गौरतलब है कि उपेन्द्र कुशवाहा के पांच दिन चले अनशन को तुड़वाने के लिए लिए तेजस्वी यादव पहुंचे थे. जिसके बाद पानी पीकर कुशवाहा ने अनशन तोड़ा था. एक दिसम्बर को इसी अनशन पर बिहार के उप मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कटाक्ष किया था. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि “पांच साल केंद्र में मंत्री रहने के बावजूद वे बिहार में एक भी केंद्रीय विद्यालय नहीं खुलवा सके. मंत्री रहते काम करने के बजाय शिक्षा पर धरना-प्रदर्शन की जो तमाशा-राजनीति उन्होंने शुरू की, उसे "आमरण अनशन" के क्लाइमैक्स पर पहुंचाया''.


ऐसे किया ट्वीट का रिप्लाई-


इसी ट्वीट पर कुशवाहा ने रिप्लाई करते हुए लिखा, '' मैंने नवीनगर में के. वि. खुलवाया. नवादा और देवकुंड में स्वीकृति दिलवाई, लेकिन वहां पर आपने रोका. कैमूर,अरवल,शेखपुरा,मधुबनी, मधेपुरा और सुपौल के लिए मंत्रालय की योजना में शामिल कर प्रस्ताव मांगा, आपने प्रस्ताव नहीं भेजा. वहीं डेहरी/अकोढ़ीगोला का प्रस्ताव भी आपने रोका''. उन्होंने आगे एक और ट्वीट कर मिलने की बात कही थी. कुशवाहा ने आगे ट्वीट कर लिखा था, “अभी इलाज के लिए मैं दिल्ली जा रहा हूं. दूसरे सप्ताह में लौटकर आपके आवास पर प्रमाण के साथ आऊंगा. गेट मत बन्द करवाईएगा, प्लीज”.


अपने पत्र में उपेंद्र कुशवाहा ने ये भी लिखा कि यह पत्र लिखने का मकसद बस इतना है कि मैं आपसे मिल कर केंद्रीय विद्यालय खोलने को लेकर सारे दस्तावेज आपको दिखाना चाहता हूं. आप कृपा कर चार दिनों के अंदर मिलने का समय दें. उपेंद्र कुशवाहा ने अपने पत्र के जरिए अपने कार्यकाल का याद दिलाने की कोशिश भी की है. उन्होंने लिखा-सरकार में उप मुख्यमंत्री रहते हुए आपको इन सबकी जानकारी है या नहीं, मुझे नहीं पता, लेकिन आपको ट्वीट करने से पहले पता करना चाहिए था. कुशवाहा ने लिखा कि हो सकता है सीएम नीतीश कुमार ने आपको इन सब बातों की जानकारी नहीं दी है. दिल्ली जाने से पहले मैंने आपसे गुजारिश की थी कि मैं सबूतों के साथ आपके पास आऊंगा. यह पत्र लिखने का मकसद बस इतना है कि मैं आपसे मिल कर सारे दस्तावेज दिखाना चाहता हूं. चिट्ठी में उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा, ''आपके साथ चाय पर चर्चा कर सकूंऔर सबूत दिखा सकूं इसके लिए कृपया चार दिन के अंदर सूचित करें''. कुशवाहा ने चिट्ठी में अपना मोबाइल नम्बर भी लिखा और कहा, '' कृपया इस नम्बर पर चौबीस घंटे पहले सूचित कर दें''.





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