'BJP के एजेंडा पर चल रहे RJD नेता, शिक्षा मंत्री पर हो कार्रवाई', उपेंद्र कुशवाहा ने चंद्रशेखर को घेरा
बीजेपी नेताओं ने नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गिरीराज सिंह ने कहा, "चंद्रशेखर ने रामचरितमानस के साथ-साथ हिंदुओं का भी अपमान किया है."
Upendra Kushwaha On Chandrashekhar Singh: बिहार की सियासत में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह के बयान से घमासान मच गया है. बीजेपी लगातार नीतीश सरकार पर तीखे बयानों के तीर छोड़ रही है. वहीं, चंद्रशेखर सिंह अब भी अपने बयान पर कायम हैं. इस सबके बीच अब राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RSLP) के चीफ और उजियापुर से विधायक उपेंद्र कुशवाहा ने भी रामचरितमानस पर दी गई टिप्पणी को लेकर प्रतिक्रिया दी है.
चंद्रशेखर सिंह ने रामचरितमानस को "समाज में नफरत फैलानी वाली किताब" करार दिया था. इस पर उपेंद्र कुशावाहा ने उनको आड़े हाथों लिया है. कुशवाहा ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि आरजेडी के नेता बीजेपी के एजेंडा पर चल रहे हैं. कुशवाहा ने आगे कहा, "चंद्रशेखर के बयान से बीजेपी को फायदा होगा."
चंद्रशेखर सिंह के बयान पर बिहार में सियासत गरमाई हुई है. बीजेपी नेताओं ने नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गिरीराज सिंह ने कहा, "चंद्रशेखर ने रामचरितमानस के साथ-साथ हिंदुओं का भी अपमान किया. वहीं केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने तो चंद्रशेखर को अज्ञानी मंत्री तक कह दिया. उन्होंने कहा, "प्रभु श्रीराम बिहार सरकार को सद्बुद्धि दें."
चंद्रेशखर सिंह के बयान से नीतीश भी नाखुश
सूत्रों से पता चला है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर नाराजगी जाहिर की है. सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश ने चंद्रशेखर सिंह से कहा कि "आप ये सब क्या बोलते रहते हैं? आपको काम पर ध्यान देना चाहिए." नीतीश कुमार की इस बात पर शिक्षा मंत्री ने जवाब भी दिया. उन्होंने कहा, "कुछ गलत नहीं बोले हैं."
चंदेशखर सिंह का विवादित बयान
चंद्रशेखऱ सिंह ने कहा, "रामचरितमानस का विरोध किया गया क्योंकि इसमें कहा गया था कि शिक्षित होने पर समाज का निचला तबका जहरीला हो जाता है. रामचरितमानस, मनुस्मृति और एमएस गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स जैसी किताबें सामाजिक विभाजन पैदा करती हैं." मंत्री ने आगे कहा कि इसी वजह से लोगों ने मनुस्मृति को जलाया और रामचरितमानस के एक हिस्से पर आपत्ति जताई, जो दलितों, पिछड़ों और महिलाओं की शिक्षा के खिलाफ बात करता है.
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