Upendra Kushwaha on RJD and JDU Merger: जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता और जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ पार्टी के विलय की अटकलों को खारिज कर दिया. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जदयू बिहार के वंचित तबके की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है और मौजूदा सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ विलय उसके लिए ‘आत्मघाती’ सिद्ध होगा. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से अपना उत्तराधिकार राजद के संभावित उत्तराधिकारी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सौंपे जाने का संकेत दिए जाने के बाद ऐसी अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं.


'2024 के लोकसभा चुनाव पर है फोकस'


उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत में कहा, ''नीतीश कुमार ने संभवत: दार्शनिक अंदाज में कुछ कह दिया होगा. तेजस्वी यादव ने इस पर कुछ भी कहने से पहले ही मना किया है. 2024 लोकसभा चुनाव हमारा मुख्य एजेंडा है.'' गौरतलब है कि नीतीश कुमार की पार्टी से अलग होकर 2013 में रालोसपा बनाने और फिर करीब दो साल पहले पार्टी का जदयू में विलय करके पुराने पाले में लौटने वाले कुशवाहा का कहना है, ''विलय की बातें अटकलों में हो रही हैं. पार्टी में इस पर कोई चर्चा नहीं हो रही है. मुझे नहीं लगता है कि पार्टी कभी भी ऐसा आत्मघाती कदम उठाएगी. यह बिहार के गरीबों, बेजुबान लोगों की आकांक्षाओं का गला घोंटने और सामाजिक न्याय की उनकी आशाओं को धोखा देने जैसा होगा.''


2014 में थी बड़े स्तर पर विलय की तैयारी


हालांकि, उन्होंने माना कि नीतीश कुमार ने 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद न सिर्फ राजद-जदयू के विलय का प्रयास किया था, बल्कि उन्होंने जनता दल के अन्य धड़ों जैसे उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी (SP) और कर्नाटक के जद(एस) के साथ भी प्रयास किया था लेकिन ऐसा हो नहीं सका. उन्होंने कहा, ''हमें बेकार की बातों पर भ्रमित नहीं होना चाहिए. हमें अपना पूरा ध्यान 2024 पर लगाना चाहिए, जैसे अर्जुन ने मछली की आंख पर लगाया था.''


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