सीटों पर विचार के लिए बीजेपी को 30 नवंबर तक का उपेंद्र कुशवाहा ने दिया अल्टीमेटम
उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी को 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम दे दिया है. कुशवाहा ने कहा कि अगर बीजेपी 30 नवम्बर तक उन्हें सम्मानजनक सीट नहीं देती है तो एनडीए के लिए 'खतरनाक स्थिति' पैदा हो जाएगी.
पटना: सीट शेयरिंग के मुद्दे पर नाराज़ चल रहे बिहार एनडीए के घटक दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा ने आज बीजेपी को अल्टीमेटम दे दिया है. अमित शाह से लगातार मिलने की कोशिश कर रहे उपेंद्र कुशवाहा 'भाव' न मिलने से खासे दुखी दिखाई पड़े और आज आखिरकार ये ऐलान कर दिया कि वो अब अमित शाह या फिर बीजेपी के किसी भी नेता से मिलने का प्रयास नहीं करेंगे. हालांकि वो एक बार प्रधानमंत्री से मिलकर अपने साथ हो रहे बर्ताव पर शिकायत जरूर करना चाहते हैं.
उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी को 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम दे दिया है. कुशवाहा ने कहा कि अगर बीजेपी 30 नवम्बर तक उन्हें सम्मानजनक सीट नहीं देती है तो एनडीए के लिए 'खतरनाक स्थिति' पैदा हो जाएगी. दरअसल सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव में बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर जो फॉर्मूला तैयार किया गया है उसमें बीजेपी-जेडीयू को 17-17, एलजेपी को 4 और आरएलएसपी को 2 सीटें देने पर विचार किया जा रहा है. बीजेपी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव से पिछली मुलाकात में उपेंद्र कुशवाहा को भी इस फॉर्मूले से अवगत करा दिया गया था लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को ये फॉर्मूला मंजूर नहीं है. इसीलिए वो लगातार अमित शाह से मिलकर सीटों के बंटवारे का अपना फॉर्मूला देना चाहते हैं जिससे उन्हें ज्यादा सीटें मिल सके लेकिन अमित शाह उपेंद्र कुशवाहा से मिलने को तैयार ही नहीं हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने आज बीजेपी के इस फॉर्मूले को सिरे से नकारते हुए बीजेपी का प्रस्ताव ठुकरा दिया है.
आखिर उपेंद्र कुशवाहा से क्यों नहीं मिल रहे हैं अमित शाह?अमित शाह की नाराजगी की बड़ी वजह है उनके बुलाने के बावजूद उपेंद्र कुशवाहा का उनसे जाकर न मिलना है. कुछ दिनों पहले ही अमित शाह ने दिल्ली में उपेंद्र कुशवाहा को सीट शेयरिंग के मुद्दे पर मिलकर बातचीत करने के लिए बुलाया था लेकिन उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी के कार्यक्रम की व्यस्तता बताकर बिहार चले आए. जिसके बाद से ही अमित शाह उपेंद्र कुशवाहा से खासे नाराज बताए जा रहे हैं. इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने अपने गठबंधन के ही घटक दल के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जिससे गठबंधन के बाहर गलत संदेश गया. इस बात ने 'आग में घी' का काम किया और अमित शाह की नाराजगी और बढ़ गई. उपेंद्र कुशवाहा के नीतीश पर हमले के जवाब जेडीयू की बजाय बीजेपी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने दिया. अपने ही गठबंधन में उपेक्षा झेल रहे उपेंद्र कुशवाहा ने आज दो-टूक कहा कि वो किसी के गुलाम नहीं हैं. हालांकि साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वो ऐसी कोई भी बात नहीं बोलना चाहते जिसको बहाना बनाकर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए.
उपेंद्र कुशवाहा के आज के हमले के बाद बीजेपी अभी भी उम्मीद जता रही कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए का ही हिस्सा रहेंगे लेकिन साथ ही उन्हें नसीहत भी रही है कि एनडीए छोड़कर वो खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारेंगे. बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा कि जब अमित शाह ने उपेंद्र कुशवाहा को मिलने के लिए बुलाया था तब इनके पास समय नहीं था. सभी घटक दलों को समझना होगा कि बिहार में सिर्फ 40 सीटें हैं जिसे बढ़ाया नहीं जा सकता और सभी को मिलकर रास्ता निकालना होगा, राष्ट्रहित के लिए बाकी चीजें सकेंडरी हो जाती हैं.
दरअसल सीट शेयरिंग के मुद्दे पर दबाव की राजनीति कर रहे उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोलकर अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है. अब न तो उन्हें बीजेपी से भाव मिल रहा है और न ही सीट शेयरिंग के मुद्दे पर उनसे कोई बात करने को तैयार है. महागठबंधन लगातार उपेंद्र कुशवाहा को साथ आने का न्यौता दे रहा है लेकिन हालिया घटनाओं से उपेंद्र कुशवाहा ने खुद ही अपना राजनीतिक भाव गिरा लिया है. ऐसे में अब अगर उपेंद्र कुशवाहा एनडीए छोड़कर महागठबंधन में शामिल हो भी जाते हैं तो उन्हें बहुत ज्यादा सीटें मिलने की संभावना नहीं दिखाई पड़ती.