पटना: 2019 फतह के लिए 'संपर्क फॉर समर्थन' में जुटी बीजेपी के लिए महाराष्ट्र में जहां शिवसेना रुकावट डाल रही है, वहीं बिहार में सहयोगी दल ही जी का जंजाल बनते जा रहे हैं. नीतीश की पार्टी जनता दल यूनाइटेड और रामविलास पासवान की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के बाद अब उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने लोकसभा सीटों में अपनी हिस्सेदारी की मांग की है. आरएलएसपी ने 5 सीटों पर दावा ठोंका है.


बिहार की 40 लोकसभा सीटों में जेडीयू पहले ही 25 सीटों की मांग कर चुकी है. एलजेपी ने पिछली बार की तरह ही 7 सीटों की मांग की है और अब आरएलएसपी ने पिछली बार से दो ज्यादा यानि 5 सीटों की मांग की है. इस तरह तीनों सहयोगी दलों ने 25+7+5 यानि कुल 37 सीटों की मांग की है.  ऐसे तो सिर्फ 3 सीटें बचेंगी बीजेपी के लिए, तो क्या सिर्फ 3 सीटों पर बीजेपी लड़ेगी. सहयोगी दलों का ये रायता फैल रहा है.


कुशवाहा सीएम के उम्मीदवार हैं- आरएलएसपी


आरएलएसपी ने न सिर्फ लोकसभा की 5 सीटों की मांग की है, बल्कि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने कहा कि 2020 के विधान सभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट किया जाए. नागमणि ने दावा किया कि बीजेपी के बाद सबसे ज़्यादा जनाधार वाली पार्टी आरएलएसपी ही है.


नागमणि ने कहा, "बीजेपी और जेडीयू के कुछ नेता नीतीश कुमार को एनडीए का नेता बता रहे हैं जो गलत है. बीजेपी बड़ी पार्टी है और अमित शाह चाणक्य हैं. एनडीए की बैठक में पहले तय हो जाना चाहिए. यादव के बाद कुशवाहा का वोट 10 प्रतिशत है. पिछड़े दलित में उपेंद्र कुशवाहा पॉपुलर नेता हैं."