Uphaar Cinema Case: उपहार सिनेमा अग्निकांड में सबूतों को नष्ट करने के मामले में ये लोग दोषी करार, जल्द होगी सजा पर सुनवाई
Uphaar Cinema Case: मामले में जब अदालत में सुनवाई चल रही थी तो अंसल बंधुओं और अन्य आरोपियों ने तत्कालीन कोर्ट के अहलमद दिनेश चंद्र शर्मा की मदद से इस मामले से जुड़े अहम सबुतों के साथ छेड़छाड़ की थी.
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Uphaar Cinema Case: उपहार सिनेमा अग्निकांड में दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने गोपाल अंसल, सुशील अंसल, अनूप सिंह, पीपी बत्रा और डीसी शर्मा और 2 अन्य (जिनकी मृत्यु हो चुकी है) को सबूतों को नष्ट करने के मामले में दोषी करार दिया है. सीएमएम पंकज शर्मा ने कहा कि अदालत इन आरोपियों को 100% दोषी मानती है. इन्हें 120बी IPC, 409/120बी, 201/120बी IPC के तहत दोषी माना जाता है. 11 अक्टूबर को सभी आरोपियों को एफिडेविट जमा करवाने के लिए कहा गया है. साथ ही सोमवार को ही अदालत में सजा पर सुनवाई भी हो सकती है.
उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में जब अदालत में सुनवाई चल रही थी तो अंसल बंधुओं और अन्य आरोपियों ने तत्कालीन कोर्ट के अहलमद दिनेश चंद्र शर्मा की मदद से इस मामले से जुड़े अहम सबुतों (दस्तावेजों) के साथ छेड़छाड़ की थी. उन्हें नष्ट किया गया था. उद्देश्य था कि अंसल बंधु और अन्य आरोपी इस मामले में बच जाएं. लेकिन हम लोगों को जब ये पता चला तो हम लोगों ने इस मामले को अदालत के सामने रखा, जिसके बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई और आज इस मामले में अदालत ने इन सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है. अब देखना ये है कि इन लोगों को कितनी सजा सुनाई जाती है.
आज अदालत ने अंसल बंधुओं समेत पांच लोगों को दोषी करार दिया है. यह मामला बेहद गंभीर है क्योंकि इस मामले के साथ अदालत की साख भी जुड़ी हुई थी. इस मामले में आरोपियों ने अपने पैसे और रुतबे की बदौलत कोर्ट स्टाफ दिनेश चंद्र शर्मा की मदद से कई दस्तावेजों को फाइल से हटवा दिया था या फिर उन पर श्याही गिराकर उन्हें बेकार कर दिया था. जब पीड़ित पक्ष को इन सब की जानकारी हुई तो सभी ने मिलकर काफी प्रयास किया और फिर एक-एक सबूत को बड़ी मशक्कत से एकत्र किया.
मामले में अदालत के सामने सारी बातें रखी गईं. अदालत की इजाजत के बाद गायब हो चुकी मूल प्रतिलिपि की फोटोस्टेट रिकॉर्ड में लाई गई. आज अदालत ने इन सभी आरोपियों को दोषी करार दे दिया है. अदालत के इस फैसले ने एक बार फिर से आम लोगों के बीच अदालत पर विश्वास जताने का मौका दिया है. अब देखना ये है कि इन आरोपियों को कितनी सजा सुनाई जाती है क्योंकि आईपीसी की धारा 409 की बात करें तो उसमें आजीवन कारावास तक का प्रावधान है.
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