उपहार अग्निकांड: सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में बढ़ी अंसल बंधुओं की मुश्किलें
नई दिल्ली: 1997 के उपहार अग्निकांड मामले में रियल एस्टेट कारोबारियों सुशील और गोपाल अंसल की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप तय करने संबंधी एक निचली अदालत के आदेश को आज बरकरार रखा.
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की बैंच ने कहा कि मजिस्ट्रेटी अदालत के पास रिकॉर्ड में पर्याप्त सामग्री है. जो अंसल बंधुओं और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए जाने को न्यायोचित ठहराती है.
बैंच ने कहा, ‘‘सामग्री ने इस बात को लेकर गहरा संदेह पैदा किया कि आरोपियों ने अपराध को अंजाम दिया और इसके लिए उचित रूप से आरोप तय किए गए.’’ पीठ ने मजिस्ट्रेट की अदालत को मामले की आगे सुनवाई करने का आदेश दिया.
मजिस्ट्रेट की एक अदालत ने 31 मई 2014 को आईपीसी के तहत अपराध के लिए उसकाने, सबूत को गायब करने, लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात करने और आपराधिक षड़यंत्र के तहत सात आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.
थियेटर मालिक गोपाल अंसल और उसके भाई सुशील अंसल, अनूप सिंह, प्रेम प्रकाश बत्रा, हरस्वरूप पंवार, धर्मवीर मल्होत्रा और दिनेश चंद्र शर्मा वर्ष 2006 से लंबित मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोपी हैं. सभी आरोपियों ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया है.
हाईकोर्ट ने आरोपियों की पुनर्विचार याचिकाओं को ट्रांसफर करने की मांग करने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका को पिछले साल मार्च में विचार करने के लिए स्वीकार कर लिया गया था.