नई दिल्ली: आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला बिल लोकसभा में कल पास हो गया. जिसके बाद आज राज्यसभा में बिल पेश किया जाएगा. सरकार के लिए यहां बिल पास कराना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. जहां बीजेपी के मात्र 73 सदस्य हैं और सदन में कुल सांसदों की संख्या 244 है. लोकसभा की बात करें तो यहां 124 वां संविधान संशोधन विधेयक 2019 बहुत आसानी से पास हो गया. यहां समर्थन में 323 वोट पड़े और विरोध में मात्र तीन.



पिछड़े सामान्य वर्गों को आरक्षण देने वाला संविधान संशोधन विधेयक पास कराने के लिए राज्यसभा में 163 सांसदों की जरूरत है. बीजेपी की नेतृत्व वाली एनडीए के पास कुल 92 सांसद हैं. अब लोकसभा की तर्ज पर ही अगर विपक्षी दल विधेयक का समर्थन करते हैं तो सरकार की राह आसान होगी. लेकिन अगर बिल पर आपत्ति जताई जाती है तो मुश्किलें खड़ी हो सकती है.



कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बीएसपी, टीएमसी, आरजेडी और अन्य पार्टियां आरक्षण का समर्थन तो कर रही हैं लेकिन संसद के शीतकालीन सत्र खत्म होने के आखिरी दिन लाए जाने की वजह से मोदी सरकार को कठघरे में भी खड़ी कर रही है. यही नहीं समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और आरजेडी ने एससी, एसटी और ओबीसी का कोटा बढ़ाए जाने की मांग छेड़ दी है.


सामान्य वर्ग आरक्षण बिल: हर पार्टी का समर्थन लेकिन SC/ST और OBC के लिए उठी 85% तक कोटा की मांग


लोकसभा में समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि जातिगत जनगणना पर करोड़ों रुपये खर्च किया, लेकिन रिपोर्ट जारी नहीं की जा रही है. यह रिपोर्ट जारी की जाए और जिसकी जितनी आबादी है, उसे उतना आरक्षण दिया जाए.


कांग्रेस ने आरक्षण विधेयक को लेकर की गई जल्दबाजी पर सवाल उठाए. कांग्रेस के नेता केवी थॉमस ने लोकसभा में कहा कि हम इस कोटा बिल के खिलाफ नहीं हैं लेकिन जिस तरह से यह लाया गया है, वह सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करता है. थॉमस ने कहा कि इस बिल को पहले जेपीसी के पास भेजा जाना चाहिए. अब इन दलों का राज्यसभा में रुख देखना दिलचस्प होगा.



राज्यसभा में कांग्रेस के 50, समाजवादी पार्टी के 13, बीएसपी के 4, एनसीपी के 4 और आम आदमी पार्टी के 3 सांसद हैं. जिनकी कुल संख्या 74 है. यानी एनडीए और इन विरोधी दलों के समर्थन (92+74) से आंकड़ा 166 पहुंच जाएगा, जिससे बिल आसानी से पास हो जाएगा. बगैर किसी संशोधन के बिल पास होने की स्थिति में बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.


सामान्य वर्ग आरक्षण बिल लोकसभा में पास, विरोध में पड़े मात्र 3 वोट, आज राज्यसभा में होगा पेश