लखनऊ: सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में गुरुवार को अयोध्या मसले पर कोई बात नहीं हुई. साथ ही मस्जिद के लिए ट्रस्ट बनाने पर भी कोई एलान नहीं हुआ. बोर्ड के पदाधिकारियों ने इसे सामान्य बैठक करार दिया है. उधर ट्रस्ट के एलान से पहले ही विवाद शुरू हो गया है. अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि रौनाही में जिस जगह मस्जिद के लिए जमीन दी गई है, वहां मस्जिद बनाने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने ट्रस्ट की बैठक में मुस्लिम पक्षकारों को नजरअंदाज करने पर भी आपत्ति जताई है.


गुरुवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक बुलाई गई थी. माना जा रहा था कि मस्जिद निर्माण से जुड़े ट्रस्ट का एलान बैठक में किया जा सकता है. लेकिन बैठक के बाद पदाधिकारियों ने बताया कि यह बोर्ड की सामान्य बैठक थी. बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारुकी ने बताया कि अयोध्या मसले पर आज कोई बात नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि अगली बैठक में ट्रस्ट का एलान होगा. साथ ही ट्रस्ट का एजेंडा भी तय किया जाएगा.


उधर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की धन्नीपुर में मस्जिद के लिए ट्रस्ट की घोषणा से पहले विवाद शुरू हो गया है. ट्रस्ट की घोषणा से पहले बाबरी मस्जिद की ओर से पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने बैठक पर सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के गठन की बैठक में पक्षकारों को नहीं बुलाया गया और ना ही कोई बात की गई. हम लोगों ने देश मे हिन्दू-मुस्लिम के भाईचारे का संदेश दिया है. पूरे देश ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान किया है. हम चाहते हैं कि रौनाही में ट्रस्ट मस्जिद न बनाए.


इकबाल अहमद ने कहा, "रौनाही में पहले से 22 मस्जिदें मौजूद हैं. ऐसे में किसी नई मस्जिद की जरूरत नहीं है. इकबाल अंसारी ने यह भी कहा कि वहां अनाज उगाया जाए और खेती की जाए. जो अनाज पैदा हो वह भगवान राम और अल्लाह के नाम पर गरीबों को बांटा जाए चाहे वह हिन्दू हो या मुसलमान हो. हम चाहते हैं देश में अमन-चैन हमेशा कायम रहे. 70 सालों तक हम लोगों ने बाबरी मस्जिद की लड़ाई लड़ी. मेरे मरहूम पिता हाशिम अंसारी साइकिल से जा कर मुकदमा लड़ते थे. अब हम पक्षकारों को पूछा नहीं जा रहा है."


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