Delhi News: दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी की बैठक में वोटिंग के दौरान हंगामा, आपस में ही भिड़े सदस्य, पुलिस ने कराया बीच-बचाव
DSGMC: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की बैठक में पदाधिकारियों के चयन को लेकर सदस्य आपस में ही भिड़ गए हंगामा इतना उग्र हो गया के हालात को काबू करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा.
Delhi News: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की बैठक में पदाधिकारियों के चयन को लेकर सदस्य आपस में ही भिड़ गए हैं. दिल्ली के रकाब गंज गुरूद्वारे में नए कमिटी के अध्यक्ष का चयन किया जाना था लेकिन बीच में ही सदस्यों में वोटों को ले कर हंगामा खड़ा हो गया.
हंगामा इतना उग्र हो गया के हालात को काबू करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा. इस चुनाव के माध्यम से नए पदाधिकारी चुने जाने थे. दरअसल वोट हाथ उठा कर दिए जाने कि बात हो रही थी जो अकाली दल सरना और उनके समर्थक मंजीत सिंह को मंज़ूर नहीं था.
शिअद बादल के पास बहुमत का आंकड़ा
जिसके बाद ये बात हुई के बैलट के द्वारा वोट करवाए जाएं. लेकिन तभी ये आरोप लग रहा है के अकाली दल बादल के एक सदस्य ने अपना वोट दिखा दिया जिसके बाद से कई घंटो तक ये हंगामा होता रहा. शिअद बादल के पास 30 सदस्य और शिअद दिल्ली (सरना) के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास 21 सदस्य हैं. इस तरह से शिअद बादल के पास बहुमत का आंकड़ा है. उसके बाद भी सरना पार्टी के सदस्य जीत का दावा कर रहें हैं.
बताया जा रहा है कि शिअद बादल के प्रदेश अध्यक्ष और डीएसजीएमसी के निवर्तमान महामंत्री हरमीत सिंह कालका अध्यक्ष पद के उम्मीदवार होंगे. लेकिन शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) डीएसजीएमसी के अध्यक्ष पद पर अपना दावा कर रहें हैं. 55 सदस्यों वाली कमेटी में 46 सदस्य संगत द्वारा चुने जाते हैं.
कुल 51 सदस्य लेते हैं मतदान में भाग
इसके साथ ही नौ नामित सदस्य होते हैं. इनमें से चार अलग-अलग तख्त के जत्थेदार होते हैं. इन्हें कार्यकारिणी के गठन में मतदान का अधिकार नहीं होता है. इस तरह से 51 सदस्य मतदान में हिस्सा लेते हैं. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की नई सरकार में पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना और मंजीत सिंह जीके के करीब 21 सदस्य हैं.
अंत तक दोनों ही जोड़तोड़ में जुटे रहे. और ये आरोप लगाया के अकाली दल ( बादल ) असविधानिक रूप से चुनाव करवा रहें हैं और दोनों ही गुटों ने अंत में वोटिंग को बीच में ही छोड़ दिया और बाहर निकल आए.
पवणजीत सिंह सरना और हरविंदर सिंह सरना ने ये बात कही के उन्हें वोटिंग रूम से ज़बरदस्ती करके हटाया गया है और वो चाहे कोई भी फैसला आए उसे नहीं मानेंगे उनकी मांग है के आज के इस चुनाव को रद किया जाए. फिलहाल अब इसका फैसला डायरेक्टर का होगा और जल्द ही नतीजे आने की भी उम्मीद है. क्योंकि देर रात तक वोटिंग चलती रही लेकिन उसके बाद भी असमंजस कि स्थिति बनी हुई है.