(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
NTR यूनिवर्सिटी का नाम YSR करने वाले प्रस्ताव पर आंध्र असेंबली में हंगामा, स्पीकर पर फेंके गए पेपर-13 MLA सस्पेंड
Andhra Pradesh News: स्पीकर ने विधायकों को पोडियम से दूर ले जाने की कोशिश की, जिसके बाद स्पीकर को हंगामा कर रहे टीडीपी विधायकों को विधानसभा से बाहर करने के लिए मार्शल को बुलाना पड़ा.
Andhra Pradesh Assembly TDP MLA Suspended: आंध्र प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष थम्मिनेनी सीताराम (Andhra Pradesh Assembly Speaker T. Sitharam) ने बुधवार को सदन में हंगामा करने, बिल की कॉपी फाड़ने और पोडियम पर चढ़ने की कोशिश करने के आरोप में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के 13 विधायकों को निलंबित कर दिया. दरअसल ये सभी सदस्य राज्य सरकार के डॉ एनटीआर यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (Dr NTR University of Health Sciences) का नाम बदलकर डॉ वाईएसआर यूनिवर्सिटी (Dr YSR University) करने के कदम का विरोध कर रहे थे.
टीडीपी ने सत्तारूढ़ सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए अपना विरोध जारी रखने की बात कही है. बता दें कि विश्वविद्यालय को एनटी रामा राव के शासन के दौरान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया गया था, जिन्होंने इसकी स्थापना की और अप्रैल 1986 में इसका उद्घाटन किया. उनकी मृत्यु के बाद, 1998 में विश्वविद्यालय का नाम उनके नाम पर रखा गया था.
टीडीपी विधायकों का हंगामा
विधानसभा सत्र के अंतिम दिन बुधवार को सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी सरकार (YSRCP Government) ने विश्वविद्यालय का नाम बदलने को लेकर विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह दिवंगत डॉ वाईएस राजशेखर रेड्डी थे, जिन्होंने आरोग्यश्री योजना की शुरुआत करके गरीबों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल की शुरुआत की थी. टीडीपी विधायकों ने इसका विरोध किया और वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए कहा कि राज्य में कल्याणकारी योजनाएं संकट में हैं. टीडीपी विधायकों ने 'शर्म करो, शर्म करो', 'एनटीआर अमर रहे' और 'जौहर एनटीआर' के नारे लगाते हुए प्रस्तावित बिलों को फाड़कर स्पीकर पर फेंक दिया. जिसके बाद स्पीकर ने उनपर कार्रवाई करते हुए उन सभी को दिन के लिए निलंबित कर दिया.
स्पीकर ने विधायकों को पोडियम से दूर ले जाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने पीछे हटने से इनकार कर दिया. जिसके बाद स्पीकर को हंगामा कर रहे टीडीपी विधायकों को विधानसभा से बाहर करने के लिए मार्शल को बुलाना पड़ा. बता दें कि उस समय टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू (TDP chief N Chandrababu Naidu) सदन में मौजूद नहीं थे. टीडीपी ने राज्य में वायरल फीवर के प्रकोप, शराब की बिक्री और वाईएसआरसीपी विधायकों के कथित भूमि सौदों पर चर्चा की भी मांग की, जिन्हें अस्वीकार कर दिया गया.
वाईएसआरसीपी ने किया पलटवार
वहीं, दूसरी तरफ राज्य सरकार में मंत्री अंबाती रामबाबू और के नारायण स्वामी ने टीडीपी विधायकों के व्यवहार पर आपत्ति जताते हुए कहा कि एनटीआर विश्वविद्यालय का नाम बदलने का विधेयक कब पेश होगा, इस पर चर्चा हो सकती है, लेकिन टीडीपी विधायक नहीं माने. वाईएसआरसीपी के विधायकों ने तेदेपा विधायकों पर एनटीआर का समर्थन करने का नाटक करने का आरोप लगाया. उन्होंने टीडीपी पर हमला करते हुए कहा कि हमने उनके नाम पर एक जिले का नाम रखकर टीडीपी से ज्यादा उनका सम्मान किया है.
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