नई दिल्ली: उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के साथ सड़क दुर्घटना को लेकर लोकसभा में आज जोरदार हंगामा हुआ. सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सबसे पहले सदन ने कांग्रेस के दिवंगत नेता जयपाल रेड्डी के निधन पर श्रद्धांजलि दी. इसके बाद कांग्रेस ने उन्नाव के मुद्दे पर हंगामा करना शुरू कर दिया. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए कहा कि हम कौन से समाज में रहते हैं जहां एक पीड़िता के साथ ऐसी दर्दनाक घटना हो रही है.
अधीर रंजन चौधरी ने इस मामले पर गृहमंत्री अमित शाह के बयान की मांग की. इसके साथ ही विपक्ष लगातार 'बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ का क्या हुआ?' और 'मोदी सरकार जवाब दो' जैसे नारे भी लगते रहे. इस मुद्दे को लेकर संसद भवन के बाहर भी महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे विपक्षी दलों के कई सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया.
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वहीं इस मामले पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा गया कि उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है. विपक्ष राज्य के मुद्दे को लोकसभा में उठा कर इस पर राजनीति कर रहा है. संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा, ''इसमें राजनीति नहीं करनी चाहिए, इस केस में पहले से ही सीबीआई की जांच जारी है. एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है, यूपी सरकार पूरी निष्पक्षता से जांच कर रही है. हम पूरे पीड़ित परिवार के साथ हैं. जो कुछ भी न्याय करना है वो उत्तर प्रदेश सरकार कर रही है. लेकिन इस पर राजनीति करना ठीक नहीं है.''
वहीं बीजेपी सांसद जगदम्बिका पाल ने इस मामले को अलग ही दिशा में मोड़ दिया. उन्होंने समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि जिस ट्कर से पीड़िता के परिवार का एक्सीडेंट हुआ वो सपा नेताका था. जगदम्बिका पाल ने कहा, ''कांग्रेस ने योगी सरकार को बदनाम करने के लिए राज्य के विषय को लोकसभा में उठाया है. विपक्ष देश को गुमराह कर रहा है, जिस ट्रक से एक्सीडेंट हुआ है वो ट्रक सपा नेता अवध पाल सिंह का था, कांग्रेस इस पर जवाब दे. एक्सीडेंटकी घटना की सीबीआई जांच की भी संस्तुति की जा चुकी है. विपक्ष इस पर राजनीति कर रहा है और देश को गुमराह कर रहे हैं. शुरुआत में ही डीजीपी ने कहा था कि यह घटना एक दुर्घटना हो सकती है. आज पूरा देश जान गया है कि इस घटना के पीछे साजिश में कोई शामिल था तो समाजवादी पार्टी के लोग शामिल थे.''
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कई अलग अलग पार्टियों में रहा है आरोपी विधायक सेंगर
उन्नाव गैंगरेप का मुख्य आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर बीजेपी में आने से पहले कई अलग अलग पार्टियों में रह चुका है. कांग्रेस से अपने राजनीतिक करियर से की शुरुआत करने वाले कुलदीप सिंह सेंगर 2002 के चुनावों से पहले बीएसपी के हाथी पर बैठ गए. 2007 आते-आते सेंगर की छवि बाहुबली की बन गई ? पार्टी की इमेज की खातिर माया ने आरोपी विधायक को साइडलाइन कर दिया तो उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया. 2007 और 2012 में सेंगर सपा के टिकट से विधानसभा पहुंचा. इसके बाद 2012 में चुनावी हवा देखकर सेंगर ने साइकिल की सवारी छोड़ कमल थाम लिया. 2017 में बीजेपी के टिकट पर कुल कीप सिंह विधानसभा पहुंचा. सेंगर 2002 से वो लगातार विधायक है और अपने राजनीतिक करियर में यूपी की लगभग सभी अहम पार्टियों में रहा है.
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