नई दिल्ली: देश के गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक को पेश कर दिया है. उनके द्वारा पेश करते ही लोकसभा में हंगामा शुरू हो गया है. विपक्ष इस विधेयक को लाने का विरोध कर रहा है. कांग्रेस, टीएमसी और अन्य दलों का विरोध है कि धर्म के आधार पर बिल न लाया जाए.


क्या है बिल


नागरिकता संशोधन विधेयक का मुख्य उद्देश्य छह समुदायों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है. हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी समाज के लोगों को इस बिल के माध्यम से नागरिकता दी जाएगी. सरकार वर्तमान कानून में संशोधन करके उन्हें भारतीय नागरिकता देगी. इस विधेयक में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है. सरकार का मानना है कि गैरकानूनी रूप से भारत में घुसे लोगों को पहचानना और पड़ोसी देशों खासकर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक अत्याचारों का शिकार होकर भारत लौटे शरणार्थियों में अंतर को समझा जाना है.


पूर्वोत्तर राज्यों की पार्टियां कर रहीं विरोध


पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है. खासकर कांग्रेस, टीएमसी, सीपीआई और अन्य दलों की चिंता है कि पिछले कुछ दशकों में बांग्लादेश से बड़ी संख्या में आए हिन्दुओं को नागरिकता मिलने पर डेमोग्राफी में बड़ा बदलाव आएगा. जबकि दूसरे देशों से आए मुस्लिम समाज के लोगों को नागरिकता न मिलने की स्थिति में पार्टियों का चुनावी गणित बिगड़ सकता है. लोकसभा में टीएमसी सांसद स्वागत रॉय ने गृहमंत्री अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा कि ये नए हैं सदन में. इनको जानकारी की कमी है. जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया. स्वागत रॉय ने कहा कि आइए मुझे मारिये. जबकि एआईएमआईएम के नेता असददुद्दीन ओवैसी ने विरोध करते हुए कहा कि कहीं ऐसा न हो कि अमित शाह की तुलना हिटलर से हो.


देश का विभाजन धर्म के आधार पर किया, इसलिए पड़ी जरूरत


गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में सबका जवाब दिया और कहा कि संवैधानिक अधिकार है कि किसी भी मुद्दे पर चर्चा हो. पहले संसद में चर्चा शुरू कीजिए. आपके एक एक सवाल का जवाब दूंगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओ को प्रताड़ित न किया होता तो इसकी जरूरत न होती. उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि यदि इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर कांग्रेस न करती यो शायद इस बिल की जरूरत न पड़ती, लेकिन पहले आपने धर्म के आधार पर देश का विभाजन किया इसलिए इसकी जरूरत पड़ी.


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