Budget Session: लोकसभा-राज्यसभा में जारी रहा हंगामा, फिर काले कपड़े में नजर आए विपक्षी सांसद, पीएम मोदी बोले- ...और हमले बढ़ेंगे | बड़ी बातें
Budget Session 2023: विपक्षी नेताओं ने अडानी मामले में जेपीसी की मांग और राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किये जाने के खिलाफ अपना प्रदर्शन जारी रखा. इस कारण संसद की कार्यवाही कई बार बाधित हुई.
Rahul Gandhi Disqualification Row: बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों की मंगलवार (28 मार्च) की कार्यवाही भी हंगामे की भेंट चढ़ गई. विपक्ष की ओर से अडानी (Adani) मुद्दे पर विरोध जारी रहा. लगातार दूसरे दिन विपक्षी नेता काले कपड़े पहनकर सदन में पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारे लगाए. मंगलवार को बीजेपी की संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी (PM Modi) ने भी विपक्षी दलों को आड़े हाथ लिया. जानिए इस मामले से जुड़ी बड़ी बातें.
1. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद भवन स्थित कांग्रेस संसदीय दल के कार्यालय में पार्टी के राज्यसभा और लोकसभा सांसदों के साथ बैठक की.
2. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. विपक्षी सदस्य सदन के वेल में आ गए और अडानी मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग की. साथ ही राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने के खिलाफ नारेबाजी भी की गई. जिसके बाद कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई.
3. सदन में कांग्रेस सदस्य एस ज्योति मणि और राम्या हरिदास ने आदेश के कागजात फाड़ दिए और उन्हें आसन की ओर फेंक दिया. कांग्रेस के एक अन्य सदस्य टी एन प्रतापन ने सभापीठ पर एक काला दुपट्टा फेंका, लेकिन एक मार्शल ने इसे रोक दिया. सदस्य ने दुपट्टे को आसन की ओर धकेलने की कोशिश की.
4. विपक्षी सदस्यों की ओर से अडानी मुद्दे पर हंगामा करने को लेकर राज्यसभा की कार्यवाही भी पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. पहले सुबह स्थगन के बाद दोपहर 2 बजे जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में चर्चा के लिए निर्धारित विधेयकों की जानकारी दी. हालांकि, काले कपड़े पहने विपक्षी सांसदों ने अडानी मुद्दे पर हंगामा खड़ा कर दिया.
5. विपक्षी सांसदों के हंगामे पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कुछ भी मुमकिन हो सकता है, कुछ भी हवा निकल सकती है, आप अपनी कुर्सी पर बैठिए और मेरे निर्णय का इंतजार कीजिए. इससे पहले कार्यवाही के दौरान कांग्रेस और अन्य दलों के सदस्यों की ओर से "मोदी-अडानी भाई भाई" जैसे नारे भी लगाए गए.
6. कांग्रेस के कई सांसद वेल में थे जबकि अन्य विपक्षी सदस्य अपनी जगह पर खड़े थे. इस दौरान जब केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी एक सूचीबद्ध बयान दे रहे थे तो विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी तेज कर दी. विपक्षी सदस्य उनसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ की गई उनकी टिप्पणी के लिए माफी मांगने की मांग कर रहे थे.
7. सरकार के खिलाफ कई मुद्दों पर मोर्चा खोले विपक्ष पर पीएम मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में निशाना साधा. पीएम ने कहा कि उन्होंने गुजरात चुनाव के दौरान कहा था कि बीजेपी और चुनाव जीतती जाएगी और ये विरोध प्रदर्शन और तीव्र होते जाएंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी को और अधिक तीव्र व निचले स्तर के हमलों का सामना करना पड़ेगा. इस बीच बीजेपी के ओबीसी सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उनकी 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर माफी मांगने की मांग की.
8. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने एक मैगजीन इंटरव्यू में कहा कि पीएम मोदी की ताकत उनकी छवि है और राहुल गांधी ने 4 मई 2019 में एक मैगजीन इंटरव्यू में प्रण लिया कि मैं पीएम मोदी की छवि पर प्रहार करता रहूंगा जब तक उस छवि को नष्ट ना कर दूं. गांधी परिवार ने सत्ता में रहते हुए पीएम मोदी की छवि खराब करने की पूरी कोशिश की, लेकिन वे ना जनता का प्रेम पीएम मोदी के लिए कम कर सके और ना जनता का साथ.
9. स्मृति ईरानी ने कहा कि अपनी राजनीतिक बौखलाहट में राहुल गांधी का पीएम के प्रति विष देश के प्रति अपमान में परिवर्तित हो चुका है. पीएम मोदी का अपमान करने की कोशिश में राहुल गांधी ने पूरे ओबीसी समुदाय का भी अपमान किया. यह पहली बार नहीं है जब गांधी परिवार ने दलित या पिछड़े समुदाय के लोगों का अपमान किया है. जब आदिवासी परिवार की महिला राष्ट्रपति बनी तब भी गांधी परिवार के आदेश पर द्रौपदी मुर्मू जी का अपमान कांग्रेस के नेतृत्व ने किया. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि पर प्रहार करने के लिए देश और विदेश में झूठ बोला, देश की संसद में झूठ बोला. राहुल गांधी के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और पीएम मोदी के निशाने पर देश का विकास है.
10. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने स्मृति ईरानी पर पलटवार करते हुए कहा कि इसका ओबीसी से कोई लेना-देना नहीं है. पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ओबीसी के ठेकेदार ना बनें. ओबीपी के नाम पर ये बस सियासत करना चाहते हैं. हिंदुस्तान के ओबीसी को आसानी से गुमराह नहीं किया जा सकता. राहुल गांधी से भागते हुए पीएम मोदी आज स्मृति ईरानी को तैनात कर रहे हैं.
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