कश्मीर पर ट्रंप के दावे को लेकर संसद में आज भी हंगामे के आसार, विपक्ष पीएम के जवाब पर अड़ा
कश्मीर पर ट्रंप के झूठ को लेकर आज भी संसद में हंगामा हो सकता है, विपक्ष प्रधानमंत्री से ट्रंप के दावे पर जवाब मांग रहा है. बुधवार को पीएमओ और प्रधानमंत्री से जुड़े मंत्रालयों पर सवाल जवाब का दिन होता है इसलिए पीएम मोदी संसद में मौजूद रहेंगे.
नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने कश्मीर को लेकर दिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर भारत की सियासत गरम है. ट्रंप के बयान से कांग्रेस को बीजेपी पर हमले का बड़ा मौका मिल गया. मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामा हुआ. संसद में आज भी इस पर खूब हंगामे के आसार है. कल भी कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष हमलावर रहा, विपक्षी सांसद वेल में पहुंच गए और बाद में वॉक आउट भी किया. सरकार की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सफाई दी. विदेश मंत्री ने साफ कहा कि पीएम मोदी ने कश्मीर पर मध्यस्थता को लेकर ट्रंप से कोई बात नहीं की है.
कांग्रेस विदेश मंत्री की सफाई से संतुष्ट नहीं है, पार्टी सदन में सीधे प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर अड़ी है. बुधवार लोकसभा में पीएमओ और प्रधानमंत्री से जुड़े दूसरे मंत्रालयों के सवाल जवाब का दिन भी होता है. लिहाजा आज प्रश्नकाल के दौरान पीएम मोदी लोकसभा में मौजूद रहेंगे. उम्मीद है कि विपक्ष फिर इस मुद्दे पीएम से जवाब की मांग करेगा.
डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर को लेकर क्या दावा किया था? अमेरिका राष्ट्रपति ने इमरान खान की मौजूदगी में कहा, ''मैं दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ था. हमारे बीच इस मसले पर बातचीत हुई. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या आप इस मसले पर मध्यस्थता करना चाहेंगे. मैंने पूछा- कहां. उन्होंने कहा कि कश्मीर. मैं आश्चर्यचकित हो गया. यह मसला काफी लंबे समय से चला आ रहा है.'' ट्रंप ने आगे कहा, ''मुझे लगता है कि वे हल चाहते हैं, आप हल चाहते हैं और अगर मैं मदद कर सकता हूं तो मुझे मध्यस्थता करके खुशी होगी. दो बेहद शानदार देश, जिनके पास बहुत स्मार्ट लीडरशिप है वे इतने सालों से ये मसला हल नहीं कर पा रहे हैं. अगर आप चाहते हैं कि मैं मध्यस्थता करूं तो मैं यह करूंगा.''
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा- कश्मीर भारत द्विपक्षीय मामला राष्ट्रपति ट्रंप के बयान के बाद अमेरिका को अपनी गलती का अहसास हो गया है. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला इतना ही नहीं अमेरिकी ने पाकिस्तान से आतंकवाद पर लगाम लगाने को भी कहा है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, ''कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का दिवपक्षीय मुद्दा है. भारत और पाकिस्तान को इस पर बातचीत करनी है. अमेरिका इस बात का स्वागत करता है कि भारत और पाकिस्तान आपस में मिलकर यह मुद्दा सुलझाएं. हालांकि अमेरिका मदद करने को तैयार है. हम ये मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर पल रहे आतंक के खिलाफ कारगर कार्रवाई करें.''
एस जयशंकर बोले- मोदी ने मध्यस्थता के लिए नहीं कहा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि मोदी ने कभी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मध्यस्थता के लिए नहीं कहा. विदेश मंत्री ने कहा, ''मैं सप्ष्ट तौर पर सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मोदी ने कभी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मध्यस्थता के लिए नहीं कहा. कश्मीर भारत-पाक का द्विपक्षीय मुद्दा है. इसे दोनों देश मिलकर सुलझाएंगे. पाकिस्तान पहले आतंकवाद पर लगाम लगाए. कश्मीर मसले पर शिमला और लाहौर संधि के जरिए ही आगे बढ़ेंगे.'' इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता भी रवीश कुमार ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान का खंडन किया था. उन्होंने भी कहा कि पीएम मोदी की ओर ऐसी कोई भी मांग नहीं की गई.
इमरान बोले- भारत की प्रतिक्रिया से हैरान हूं ट्रंप के बयान की भारत की ओर जमकर हुई मुखालफत के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि मैं भारत की प्रतिक्रिया से हैरान हूं. इमरान खान ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे को सुलझाने की पेशकश की. इमरान खान ने कहा, ''कश्मीर विवाद को हल करने के लिए पाकिस्तान और भारत को बातचीत की मेज पर लाने के लिए ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश करने के बाद भारत की प्रतिक्रिया से हैरान हूं, कश्मीर विवाद 70 सालों से उपमहाद्वीप में बाधक बना हुआ है. कश्मीर के लोगों को रोज नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसके समाधान की जरूरत है.''