Article 370: 'दिन में तारे देखना बंद करें', जम्मू कश्मीर विधानसभा में 370 पर मचा बवाल तो क्या बोले रविशंकर प्रसाद?
Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 के हंगामे पर रविशंकर प्रसाद ने कहा ये अब इतिहास बन चुका है. कश्मीर में अब शांति है और वहां पूंजी निवेश भी हो रहा है.
Article 370 Debate: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार (4 नवंबर) को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के विधायक वहीद पारा ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के विरोध में एक प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव ने विधानसभा में भारी हंगामा खड़ा कर दिया. जहां एक ओर पीडीपी के विधायक इसे कश्मीरियों के अधिकारों का उल्लंघन मानते हुए पुनः लागू करने की मांग कर रहे थे वहीं बीजेपी के सदस्यों ने इस प्रस्ताव का जमकर विरोध किया.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 अब इतिहास का हिस्सा बन चुका है. उन्होंने कहा "यह संविधान में दो-तिहाई बहुमत से संशोधन करके संसद में पारित किया गया था और अब इसे वापस लागू करने की कोई संभावना नहीं है." उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर में अब शांति स्थापित हो चुकी है और यहां पूंजी निवेश भी बढ़ रहा है. जिन लोगों को लगता है कि यह अनुच्छेद दोबारा लागू हो सकता है वे वास्तविकता से मुंह मोड़ रहे हैं.
कश्मीर में शांति और विकास की ओर कदम
रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद शांति का माहौल बना है और राज्य में अब विकास की नई संभावनाएं उत्पन्न हो रही हैं. उन्होंने यह तर्क दिया कि जो लोग इसे फिर से लागू करने की बात करते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि यह अब केवल एक इतिहास बनकर रह चुका है. ऐसे लोग दिन में तारे देखना बंद करें. अनुच्छेद 370 अब कभी भी लागू नहीं होगा.
रविशंकर प्रसाद ने किया पटना में छठ पूजा का निरीक्षण
इस दौरान रविशंकर प्रसाद ने पटना में छठ पूजा के पूर्व घाटों का निरीक्षण भी किया. उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र पटना साहिब के दीघा घाट, पाटीपुल घाट, दीघा 93, दीघा 83 घाट, जेपी घाट, एनआईटी घाट, कृष्णा घाट, कंगन घाट, भद्र घाट, रानी घाट सहित अन्य घाटों का भ्रमण किया. उनके साथ पटना डीडीसी एवं नगर निगम के पदाधिकारी, पटना सिटी के एसडीएम और एनडीआरएफ की सुरक्षा दस्ता के अधिकारी भी मौजूद थे.
उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को व्रतियों की सुविधा और सुरक्षा को लेकर आवश्यक निर्देश दिए और कहा घाटों की साफ-सफाई, सीढ़ियों, लाइटों की व्यवस्था, चेंजिंग रूम और आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा की व्यवस्था पर्याप्त होनी चाहिए. साथ ही दलदली (कीचड़) क्षेत्र को विशेष रूप से चिह्नित किया जाए.
ये भी पढ़ें: मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मौलाना महमूद मदनी की आई पहली प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा