Telangana New Secretariat: तेलंगाना के नए सचिवालय भवन को लेकर विवाद शुरू हो गया है. तेलंगाना के बीजेपी चीफ बंदी संजय कुमार (Bandi Sanjay Kumar) ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो राज्य के नए सचिवालय भवन के गुंबद गिरा दिए जाएंगे. तेलंगाना के नए सचिववालय भवन का 17 फरवरी को उद्घाटन किया जाना था. इसे अनिश्चित काल के लिए टाल दिया गया है. हालांकि, इसके पीछे वजह राज्य में आचार संहिता का लागू होना है. नए सचिवालय भवन में ऐसा क्या है जिस पर इतना हंगामा हो रहा है और बीजेपी इसके विरोध में क्यों है. आइए जानते हैं.
बीजेपी चीफ का आरोप इस बिल्डिंग के गुंबदों के डिजाइन को लेकर है. बंदी संजय का कहना है कि इस भवन का गुंबद मुस्लिम शैली का है और उनकी सरकार आएगी तो इसे गिराकर तेलंगाना और देश की संस्कृति को दिखाने वाला बनाया जाएगा.
ताजमहल जैसा बनाने का आरोप
मुस्लिम शैली के होने की बात शुरू हुई, एआईएमआईएम नेता और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के एक बयान से, जिसमें ओवैसी ने कहा था कि नया सचिवालय भवन ताजमहल की तरह सुंदर है. बंदी संजय ने आरोप लगाया कि केसीआर सरकार ओवैसी को खुश करना चाहती है. उन्होंने यह भी कहा कि ताजमहल मकबरा है.
उन्होंने बीआरएस सरकार पर आरोप लगाया कि उसने सचिवालय निर्माण के अनुमानित खर्च को 400 करोड़ से बढ़ाकर 1500 करोड़ रुपये पहुंचा दिया है. "1,500 करोड़ रुपये से वह ताजमहल जैसा सचिवालय बना रहे हैं. एक बार भाजपा की सरकार बनने के बाद हम उन गुंबदों को गिरा देंगे. हम सचिवालय को इस तरह से बदलेंगे कि यह तेलंगाना और भारतीय संस्कृति को दिखाएगा."
अंबेडकर जयंती पर उद्घाटन की मांग
सचिवालय का नाम बाबा साहेब आंबेडकर के नाम पर रखा गया है. बीजेपी चीफ ने यह भी कहा कि बाबा साहेब के नाम पर बने सचिवालय का उद्घाटन 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती पर होना चाहिए.
बंदी संजय ने यह भी कहा कि तेलंगाना मुख्यमंत्री के कैंप ऑफिस और आधिकारिक आवास प्रगति भवन का नाम बदलकर प्रजा दरबार किया जाएगा.
टाला गया उद्घाटन
राज्य में दो एमएलसी सीटों पर चुनाव के चलते उद्घाटन को टाल दिया गया है. इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय ने जानकारी दी है. राज्य में दो एमएलसी पदों - शिक्षक एमएलसी और हैदराबाद स्थानीय निकाय एमएलसी निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद आचार संहिता लागू हो गई है.
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